डलहौज़ी हलचल (चंबा) – अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेला की पांचवीं सांस्कृतिक संध्या बालीवुड गायिका निकिता गांधी की गज़ब की आवाज़ से सजी। निकिता गांधी ने हिंदी, पंजाबी और सूफी गीतों से समां बांध दिया, जिससे दर्शकों ने उनकी प्रस्तुति पर खुलकर तालियां बजाईं और पूरे वातावरण को जीवंत कर दिया।
शानदार शाम की शुरुआत
सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत सदर विधायक नीरज नैयर की गरिमामयी उपस्थिति से हुई। मिंजर मेला कमेटी के अध्यक्ष और उपायुक्त मुकेश रेप्सवाल ने मुख्यातिथि को शॉल, टोपी और स्मृति चिन्ह देकर उनका स्वागत किया, जो इस आयोजन की भव्यता को और बढ़ा रहा था।
निकिता गांधी ने अपनी जादुई आवाज़ से संगीत प्रेमियों का दिल जीत लिया। उनके गाए गानों में “ओ सजना,” “नाजा,” “तेरे प्यार में,” “लेके प्रभु का नाम,” “जुगनू,” और “क्या बात” जैसे हिट गानों ने दर्शकों को झूमने और नाचने पर मजबूर कर दिया।

हिमाचली और तिब्बती कलाकारों का रंगारंग प्रदर्शन
सांस्कृतिक संध्या में हिमाचली कलाकार गुलशन पाल ने अपनी अनोखी आवाज़ और प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके गाए गानों में “राजा तेरे गोरखेयां ने,” “डुगे नाले ऊंची धारा,” और “धुण -धुण बजे खंजरी रुबाना” शामिल थे, जो दर्शकों के दिल को छू गए।
तिब्बती इंस्टीट्यूशन ऑफ परफार्मिंग आर्ट्स मकलोडगंज धर्मशाला के कलाकारों की प्रस्तुति भी शानदार रही। बालीवुड गायक हिमांशी तनवर, पांगी के जीवन, और अभिज्ञा बैंड ने भी अपनी कला से दर्शकों को खूब सराहा।

सांस्कृतिक विविधता का शानदार उत्सव
दोपहर की सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत मुसाधा गायन से हुई, जिसमें प्रियंका ने “तेरे डेरे जाणा हो,” राधिका ने “अम्मा पूछदी सुण धिए मेरी ओ,” और नवनीत ने “भरमौरा री ओ छोकरीओ” जैसे गानों पर शानदार प्रस्तुति दी। मोहित, उमेश और श्रेया ने भी अपने नृत्य और गायन से दर्शकों का दिल जीत लिया। प्रेरणा संस्था के बच्चों ने “बजाओ ढोल स्वागत में प्रभु राम आए हैं” गीत पर उत्साही नृत्य प्रस्तुत किया। पूजा, गौरव, राजेंद्र, पार्थ शर्मा, कमल, निशा और कई अन्य कलाकारों ने भी अपनी अद्भुत प्रस्तुतियों से सांस्कृतिक संध्या को और भी रंगीन और मनोरंजक बना दिया।
मिंजर मेला की यह सांस्कृतिक संध्या निश्चित ही चंबा की सांस्कृतिक विरासत की शानदार झलक प्रस्तुत करती है और दर्शकों को एक यादगार अनुभव प्रदान करती है।