मंत्रिमंडलीय उप-समिति की बैठक में निर्णय
डलहौज़ी हलचल (शिमला) : उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश सरकार की हिमकेयर योजना को बंद करने की कोई मंशा नहीं है। उन्होंने कहा कि इस योजना की कुछ कमियों को दूर करके इसे और अधिक सुदृढ़ बनाया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ मिल सके। यह बयान उन्होंने हिमकेयर कार्ड और आयुष्मान भारत कार्ड के संबंध में गठित मंत्रिमंडलीय उप-समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिया।
विपक्ष के आरोपों को किया खारिज
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष द्वारा फैलाई गई अफवाहें कि प्रदेश सरकार ने हिमकेयर योजना को बंद कर दिया है, पूरी तरह से गलत हैं। सच्चाई यह है कि राज्य सरकार ने कुछ अनियमितताओं के कारण केवल निजी अस्पतालों को इस योजना के दायरे से बाहर करने का निर्णय लिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी अस्पतालों में हिमकेयर कार्ड के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाएं जारी रहेंगी और इसके तहत होने वाले सभी स्वास्थ्य लाभों पर सरकार द्वारा हर स्तर पर निगरानी रखी जाएगी।
वित्तीय स्थिति और निजी अस्पतालों के बकाया भुगतान
उप-मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि प्रदेश सरकार को अभी निजी अस्पतालों को 150 करोड़ रुपये का भुगतान करना है, जबकि सरकारी अस्पतालों को 307 करोड़ रुपये की अदायगी की जानी है। उन्होंने यह भी कहा कि कुल मिलाकर प्रदेश सरकार हिमकेयर योजना के अंतर्गत 457 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी।
आयुष्मान भारत योजना में सीमाओं का मुद्दा
मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा तय की गई सीमाओं के कारण प्रदेश में आयुष्मान भारत कार्ड का लाभ केवल पांच लाख 32 हजार परिवार ही ले पा रहे हैं, जबकि प्रदेश में 14 लाख 83 हजार परिवारों को इस योजना के तहत पंजीकृत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के लिए हर वर्ष केवल 50 करोड़ रुपये प्रदान किए जाते हैं, जो कि इस वित्त वर्ष के शुरुआती छह महीनों में ही व्यय हो चुके हैं। अब शेष महीनों में आयुष्मान योजना के तहत सभी देनदारियों का भुगतान प्रदेश सरकार को करना होगा, जिसकी अनुमानित लागत 100 करोड़ रुपये से अधिक होगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से बातचीत का आश्वासन
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से जुड़े व्यय के संदर्भ में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से बातचीत की जाएगी, ताकि राज्य में इस योजना को सुचारू रूप से चलाया जा सके।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
इस अवसर पर स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. गोपाल बैरी, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. राकेश शर्मा और उप-निदेशक हिमकेयर व आयुष्मान भारत देवेंद्र कुमार भी उपस्थित थे।