हिमाचल के मुख्यमंत्री सुक्खू के वित्तीय संकट पर दावों को मेलाराम शर्मा ने बताया खोखला
डलहौज़ी हलचल (नाहन) कपिल शर्मा : हिमाचल प्रदेश में वित्तीय संकट गहराता जा रहा है। जिला भाजपा प्रवक्ता मेलाराम शर्मा ने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार वित्तीय संकट से जूझ रही है और दीवालिया हो चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास अगस्त माह के वेतन और पेंशन का भुगतान करने के लिए धनराशि नहीं है, जिससे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
वेतन और पेंशन में देरी: बड़ी समस्या
मेलाराम शर्मा ने दावा किया कि सरकार ने अगस्त माह का वेतन 1 सितंबर को देने के बजाय 5 सितंबर को देने का निर्णय लिया है। इसी प्रकार, पेंशनर्स को उनकी पेंशन 10 सितंबर को मिलेगी, जबकि पहले यह 1 सितंबर को दी जाती थी। उन्होंने कहा कि यह स्थिति प्रदेश में पहली बार देखने को मिल रही है, जहां सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को समय पर उनका भुगतान नहीं किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री के दावे खोखले: विकास कार्य ठप
शर्मा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस दावे को भी खारिज किया कि हिमाचल 2022 में देश का सबसे समृद्ध राज्य बनेगा। उन्होंने कहा, “विकास के सारे कार्य ठप पड़े हैं, और कर्मचारियों तथा पेंशनरों का भुगतान रुक गया है।” शर्मा ने आरोप लगाया कि पेंशनर्स अपने बुढ़ापे में मेडिकल खर्च, गृह निर्माण, और बच्चों की शादी जैसे जरूरी कामों के लिए बैंकों से कर्ज लेने को मजबूर हो रहे हैं, और सरकार ने उनकी पेंशन रोककर उनके साथ अन्याय किया है।
राष्ट्रपति शासन की मांग
शर्मा ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि इस सरकार को दीवालिया घोषित कर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए। उनका कहना है कि ऐसा करने से कर्मचारियों और पेंशनर्स को उनका वेतन, पेंशन और अन्य भत्ते मिल सकेंगे, जिससे प्रदेश की जनता को राहत मिल सकेगी।