डलहौज़ी हलचल (चंबा): खेती के कार्यों को आधुनिक और सरल बनाने के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश सरकार ने “नमो ड्रोन दीदी योजना” शुरू की है। इस योजना के तहत महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को खेती में उपयोग के लिए 80% अनुदान पर ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य खेती के कार्यों को मशीनीकरण की ओर ले जाना और श्रमिकों पर निर्भरता को कम करना है।
योजना की मुख्य विशेषताएं
- ड्रोन के लिए 80% अनुदान:
- महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को 80% अनुदान पर ड्रोन उपलब्ध होंगे।
- शेष 20% धनराशि, जो कि 1.5 से 2 लाख रुपये तक हो सकती है, समूहों को स्वयं वहन करनी होगी।
- प्रशिक्षण:
- ड्रोन खरीदने से पहले स्वयं सहायता समूहों के दो सदस्यों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
- एक सदस्य को ड्रोन दीदी पायलट और दूसरे को ड्रोन सहायक का प्रशिक्षण मिलेगा।
- सरल लोन सुविधा:
- 20% अंशदान के लिए, समूह अग्री इन्फ्रा फंड के तहत बैंक से सस्ती दरों पर लोन ले सकते हैं।
- लोन पर सरकार की ओर से 3% ब्याज अनुदान भी मिलेगा।
- ड्रोन की उपयोगिता:
- फसलों और ऊंचे पौधों पर कीटनाशक और रसायनों का छिड़काव करना आसान।
- खड़ी और ऊंची फसलों में स्प्रे की समस्या का समाधान।
- कम समय में बेहतर और समान छिड़काव।
महिलाओं के लिए रोजगार का अवसर
ड्रोन का उपयोग न केवल खेती के कार्यों को सुगम बनाएगा, बल्कि यह महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगा। ड्रोन के माध्यम से समूह आमदनी अर्जित कर सकते हैं और बैंक लोन को आसानी से चुका सकते हैं।
ड्रोन आवंटन और संपर्क जानकारी
डॉ. कुलदीप धीमान, उप कृषि निदेशक, चंबा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश को इस योजना के तहत कुल 16 ड्रोन मिलेंगे। जिला चंबा में ड्रोन की संख्या समूहों की मांग पर निर्भर करेगी। इच्छुक समूह तुरंत अपने नजदीकी कृषि कार्यालय में संपर्क करें या दूरभाष संख्या 01899-222206 पर जानकारी प्राप्त करें।
समय पर आवेदन करें
डॉ. धीमान ने बताया कि समूहों को जल्द से जल्द आवेदन करना चाहिए, क्योंकि ड्रोन की संख्या सीमित है। इच्छुक समूहों को दो दिनों के भीतर अपनी मांग जमा करनी होगी।
खेती में मशीनीकरण की ओर कदम
सरकार की यह योजना खेती में मशीनीकरण और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम पहल है। इससे किसानों को बेहतर उत्पादन और कम लागत में अधिक लाभ मिलने की संभावना है।