डलहौजी हलचल (चंबा): जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी में पूर्व जनजातीय सलाहकार समिति सदस्य एवं सुराल पंचायत के पूर्व प्रधान कल्याण सिंह ठाकुर और पंचायत समिति सदस्य सतीश कुमार राणा द्वारा शुरू की गई भूख हड़ताल को जनसमर्थन मिल रहा है। वीरवार को करीब 300 लोग आवासीय आयुक्त कार्यालय के बाहर जमा हुए और प्रदेश सरकार एवं स्थानीय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
भूख हड़ताल का मुख्य उद्देश्य
अनशन पर बैठे प्रतिनिधियों की मांग है कि सरकार पांगी घाटी के लोगों की समस्याओं का समाधान करे। मुख्य मांगों में शामिल हैं:
- बालन लकड़ी और इमारती लकड़ी की दरें कम करना।
- सर्दियों में हवाई सेवाओं को बहाल करना।
- एचआरटीसी की सुराल-शिमला बस सेवा को सुचारू रूप से चलाना।
- क्षेत्र में विद्युत उपकरणों की मरम्मत।
दोनों प्रतिनिधियों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को लिखित में स्वीकार नहीं करती, उनका अनशन जारी रहेगा।पांगी प्रशासन की ओर से अनशन पर बैठे प्रतिनिधियों की नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए मेडिकल टीम नियुक्त की गई है। बीएमओ पांगी, सुभाष ठाकुर ने बताया कि गुरुवार को स्वास्थ्य जांच में दोनों प्रतिनिधियों के बीपी और शुगर स्तर में गिरावट पाई गई। इसके बावजूद, दोनों ने अनशन समाप्त करने से इनकार कर दिया।
पांगी कल्याण संघ का समर्थन
पांगी कल्याण संघ के अध्यक्ष पंछी लाल ठाकुर ने अनशन स्थल पर पहुंचकर दोनों प्रतिनिधियों को अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई मांगें पांगी के विकास और जनहित में हैं। पंछी लाल ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो पांगी कल्याण संघ भी भूख हड़ताल में शामिल हो जाएगा।
प्रशासन ने सरकार तक पहुंचाई मांगें
पांगी के तहसीलदार ने अनशन समाप्त करने की अपील करते हुए आश्वासन दिया कि सभी मांगों को सरकार के समक्ष प्रस्तुत कर दिया गया है। जनजातीय विकास मंत्री ने बालन लकड़ी और इमारती लकड़ी की दरों पर निर्णय लेने के लिए संबंधित विभागों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
सर्दियों में आवागमन बना समस्या
प्रतिनिधियों का कहना है कि सर्दियों के दौरान हवाई सेवाओं के अभाव और सड़क मार्ग पर सुचारू परिवहन के न होने से क्षेत्र के लोगों, खासकर मरीजों, को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासन को त्वरित कदम उठाने की आवश्यकता है।