डलहौज़ी हलचल (सोलन) — बाहरा यूनिवर्सिटी में रैगिंग का एक और गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें एक छात्र के साथ बेरहमी से मारपीट की गई और उसे जबरन शराब व धूम्रपान करने के लिए मजबूर किया गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है।
वायरल वीडियो का विवरण
वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि कुछ सीनियर छात्र एक जूनियर को बैल्ट से बुरी तरह पीट रहे हैं और उसे जबरन शराब पीने के लिए मजबूर कर रहे हैं। जब पीड़ित छात्र शराब पीने से इनकार करता है, तो उसे और भी ज्यादा प्रताड़ित किया जाता है। इसके बाद, सीनियर छात्र उसे स्मोकिंग करने के लिए कहते हैं, और जब वह इससे भी मना करता है, तो एक और छात्र को बाहर से बीयर लाने के लिए भेजा जाता है। वीडियो में सीनियर छात्रों को धूम्रपान करते और धुएं के छल्ले उड़ाते हुए भी देखा जा सकता है, जो उनके दबंगई भरे रवैये को दर्शाता है।
होस्टल वॉर्डन और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
घटना के दौरान होस्टल में मौजूद वॉर्डन और सुरक्षा गार्ड की गैरमौजूदगी पर भी सवाल उठ रहे हैं। रात 12 बजे जब एक छात्र को बीयर लाने के लिए कहा गया, तो यह भी सवाल उठता है कि इस समय कौन सी शराब की दुकान खुली थी और सुरक्षा के इंतजाम कहां थे। ये सभी प्रश्न अब विश्वविद्यालय प्रशासन के प्रति गंभीर संदेह पैदा कर रहे हैं।
माता-पिता की चिंता
इस घटना के बाद माता-पिता की चिंता और बढ़ गई है। जिस तरह से इस वीडियो में छात्र की पिटाई और प्रताड़ना दिखाई गई है, वह हर माता-पिता के लिए भयावह है। यह सवाल भी उठता है कि क्या ऐसी घटनाओं के बाद माता-पिता अपने बच्चों को ऐसे शिक्षण संस्थानों में भेजने का साहस कर पाएंगे।
पुलिस और विश्वविद्यालय का क्या है कहना
एसपी सोलन गौरव सिंह ने बताया कि कंडाघाट पुलिस थाना में शिकायत दर्ज हो चुकी है और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। जल्द ही आरोपी छात्रों से पूछताछ की जाएगी और मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बाहरा यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार विनीत कुमार ने कहा कि इस घटना की जानकारी उन्हें भी मिली है, जिसके बाद एंटी रैगिंग कमेटी की एक आपात बैठक बुलाई गई थी। उन्होंने आश्वस्त किया कि आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और रैगिंग को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बाहरा यूनिवर्सिटी में रैगिंग की यह घटना न केवल शिक्षण संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी बताती है कि छात्रों की सुरक्षा को लेकर और अधिक सतर्कता की आवश्यकता है। प्रशासन को इस मामले में त्वरित और कठोर कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।