डलहौज़ी हलचल (संगड़ाह) कपिल शर्मा – श्री रेणुका बांध जन संघर्ष समिति ने हाल ही में रजाणा भोज को चौथे जोन में शामिल करने की घोषणा की। यह निर्णय तब लिया गया जब पहले से निर्धारित डूब क्षेत्र के तीन जोनों (मोहतू, सियूं, और खैरी) के बीच चौथे जोन के रूप में रजाणा भोज को मान्यता दी गई। इस निर्णय का उद्देश्य क्षेत्रीय विस्थापितों के अधिकारों की बेहतर रक्षा करना और उनकी समस्याओं को प्राथमिकता देना है।
विस्थापितों के लिए जमीन की निशानदेही की मांग
बैठक के दौरान, संघर्ष समिति के अध्यक्ष योगेंद्र कपिल ने विस्थापितों के लिए टोकियो, चाकली, सैनवाला, और अंबोया जैसे चार स्थानों पर खरीदी गई जमीन की निशानदेही कराने की मांग की। उन्होंने सुझाव दिया कि इन चार स्थानों पर खरीदी गई जमीन के अलग-अलग प्लाट बनाए जाएं और सतर्कता विभाग द्वारा की जा रही जांच की स्थिति की जानकारी भी संघर्ष समिति को प्रदान की जाए।
बांध प्रबंधन पर वादा खिलाफी के आरोप
संघर्ष समिति के संस्थापक सदस्य प्रताप सिंह तोमर ने बांध प्रबंधन पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि बांध प्रबंधन के महाप्रबंधक आर.के. चौधरी ने जब कार्यभार संभाला था, तो उन्होंने वादा किया था कि तीन महीनों में विस्थापितों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। हालांकि, उनकी सेवानिवृत्ति के बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ और उन्हें सेवा विस्तार भी मिला। समिति ने इस वादा खिलाफी की तीव्र निंदा की और इसे एक गंभीर मुद्दा बताया।
संघर्ष समिति की निराशा और आगामी रणनीति
समिति के महासचिव संजय चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि आर एंड आर प्लान के अनुसार विस्थापितों को मिलने वाली सुविधाओं में पुनर्वास और पुनर्स्थापना की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संघर्ष समिति पिछले 15 वर्षों से इन सुविधाओं की मांग कर रही है, लेकिन बांध प्रबंधन ने केवल आश्वासन देकर इसे टालने का काम किया है। अगर मांगों को नजरअंदाज किया गया, तो समिति बांध प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलेगी।
बैठक में प्रमुख लोग और विस्थापितों की भागीदारी
बैठक में रजाणा, माईना, और बाउनल काकोग पंचायत के दर्जनों विस्थापितों ने भाग लिया। संघर्ष समिति के संस्थापक सदस्य प्रताप सिंह तोमर ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया, जबकि समिति के कोषाध्यक्ष हरिचंद शर्मा और महासचिव संजय चौहान विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। बैठक में जयप्रकाश शर्मा, मेला राम शर्मा, गुमान सिंह तोमर, बलवीर सिंह, धरमदत्त शर्मा, रमेश गीतम, मोहनलाल, कुंदन सिंह, राजेंद्र शर्मा, अमित भागचंद, राहुल प्रेमदास, सतपाल, दिलीप, सहीराम, राजेश, और प्रताप सिंह टीकाराम शर्मा सहित दर्जनों विस्थापितों ने भाग लिया और संघर्ष समिति का पूर्ण समर्थन किया।
बैठक के दौरान विस्थापितों की समस्याओं पर गंभीर चर्चा की गई और आगामी रणनीति भी तैयार की गई। सभी उपस्थित लोगों ने श्री रेणुका बांध जन संघर्ष समिति का समर्थन जारी रखने का वादा किया और उम्मीद जताई कि उनकी समस्याओं का समाधान जल्द होगा।