सरकार के पास डीए और एरियर के लिए पैसे नहीं, विपक्ष ने उठाए सवाल
डलहौज़ी हलचल (शिमला) :हिमाचल प्रदेश में गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रही सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने हिमाचल बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर वेलफेयर बोर्ड (HPBOCWB) के चेयरमैन नरदेव कंवर की सैलरी में 1 लाख रुपए की बढ़ोतरी (Salary Increase) कर दी है। पहले नरदेव कंवर को 30 हजार रुपए प्रति माह मिलते थे, लेकिन अब उनकी सैलरी बढ़कर 1 लाख 30 हजार रुपए प्रति माह हो गई है। इस वृद्धि के साथ ही उन्हें भत्ते और अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी। इस फैसले के बाद सरकार की आलोचना हो रही है, खासकर ऐसे समय में जब सरकार के पास सरकारी कर्मचारियों के डीए और संशोधित वेतनमान के एरियर के लिए पैसे नहीं हैं।
विपक्ष का हमला: “फिजूलखर्ची से बढ़ रहा कर्ज का बोझ”
प्रदेश में सरकार की इस निर्णय पर कड़ी आलोचना हो रही है, विशेष रूप से विपक्षी दलों और सरकारी कर्मचारियों की ओर से। विपक्ष का आरोप है कि एक तरफ सरकार 90 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी हुई है, वहीं दूसरी ओर फिजूलखर्ची कर रही है। भाजपा ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार ने विभिन्न बोर्डों और निगमों में चेयरमैन और अन्य पदों पर नियुक्तियां करके राज्य के खजाने पर अतिरिक्त बोझ डाला है।
फिजूलखर्ची के बावजूद डीए और एरियर नहीं
सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने सवाल उठाया है कि जब सरकार वित्तीय संकट का सामना कर रही है, तो सैलरी बढ़ाने (Salary Increase) के लिए पैसा कहां से आ रहा है? सरकार के पास कर्मचारियों के डीए और एरियर देने के लिए पैसे नहीं हैं, और कर्मचारी इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं।
सरकार पर सोशल मीडिया में हो रही तीखी प्रतिक्रिया
सरकार के इस फैसले पर सोशल मीडिया पर भी आलोचना हो रही है। लोगों ने HPBOCWB चेयरमैन की सैलरी में एक लाख रुपए की बढ़ोतरी (Salary Increase) पर तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। विपक्ष का कहना है कि इस तरह के निर्णय से प्रदेश की आर्थिक स्थिति और बिगड़ सकती है, जबकि सरकार का कहना है कि वे प्रदेश की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए कदम उठा रहे हैं।