डलहौज़ी हलचल (चंबा) भूषण गुरंग : अप्रैल माह का आगमन गोरखा समाज के लिए एक विशेष धार्मिक महत्व लेकर आता है। गोरखा समुदाय के लोगों द्वारा मां संसारी माता की पूजा चैत्र नवरात्र के साथ आरंभ होती है और पूरे महीने विशेष रूप से चार शनिवारों को विधिवत रूप से आयोजित की जाती है।
चिलामा शक्ति महिला मंडल की प्रधान मीरा थापा ने जानकारी दी कि यह पूजा परंपरागत रूप से हर साल अप्रैल में की जाती है, जिसका उद्देश्य परिवार की सुख-समृद्धि बनाए रखना और विशेष रूप से बच्चों को चेचक जैसी संक्रामक बीमारियों से बचाना होता है।
मां संसारी को माना जाता है कष्ट निवारण करने वाली देवी
चिलामा गांव में आज शनिवार के दिन गोरखा समाज के समस्त परिवारों ने मां संसारी माता के मंदिर में हवन, पूजन, आरती और भंडारे का आयोजन किया। सुबह पूजा पंडित दामोदर जी की अगुवाई में शुरू हुई, जिसमें हवन और विशेष पूजा-अर्चना की गई।
पूजा के बाद सभी भक्तों ने मां से अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य एवं सुख-शांति के लिए आशीर्वाद लिया। महिलाओं द्वारा भजन-कीर्तन कर माँ की महिमा का गुणगान किया गया, और फिर आरती के बाद प्रसाद का वितरण किया गया।

समुदाय के बीच भाईचारे का प्रतीक बना आयोजन
इसके उपरांत भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें गोरखा समाज के सभी सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और भोजन ग्रहण किया। मीरा थापा ने बताया कि यह आयोजन केवल गोरखा समुदाय के लोगों के लिए होता है, जिसमें सभी एकजुट होकर माता की पूजा कर अपने जीवन में शांति और सुरक्षा की कामना करते हैं।
इस परंपरा को न केवल धार्मिक भावना से किया जाता है, बल्कि यह समुदायिक एकता और सांस्कृतिक पहचान का भी प्रतीक बन चुकी है। गोरखा समाज हर वर्ष इस पूजा को श्रद्धा और समर्पण के साथ मनाता है, ताकि परिवार पर किसी प्रकार की विपदा न आए।