डलहौज़ी हलचल (डलहौज़ी) : उपमंडल डलहौजी के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बाथरी में सात दिवसीय एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना) कैंप का गुरुवार को सफलतापूर्वक समापन हुआ। इस समापन समारोह में एसडीएम डलहौजी अनिल भारद्वाज ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुतियाँ दीं, जिससे माहौल में उत्साह और उमंग का संचार हो गया।
एनएसएस कैंप की गतिविधियाँ
एनएसएस प्रभारी अनिल शर्मा और किरण बाला ने शिविर की विस्तृत जानकारी देते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि सात दिनों तक चले इस शिविर में कुल 61 स्वयंसेवियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इस दौरान विभिन्न गतिविधियाँ जैसे प्रभात फेरी, योगा, व्यायाम, योजना कार्य, बौद्धिक सत्र और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनका उद्देश्य विद्यार्थियों को शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनाना था।
सर्वश्रेष्ठ वॉलंटियर्स का चयन
कैंप के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। शुभम और नीतिका को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सर्वश्रेष्ठ वॉलंटियर्स का खिताब दिया गया।
मुख्य अतिथि का संबोधन
समापन समारोह में मुख्य अतिथि एसडीएम अनिल भारद्वाज ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि इस कैंप में सीखी गईं मूल्यवान बातें उनके व्यक्तिगत विकास और समाज कल्याण के लिए उपयोगी सिद्ध होंगी। उन्होंने स्वयंसेवा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि समाज सेवा का कार्य देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रधानाचार्या का आभार प्रदर्शन
कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्या वंदना शर्मा ने मुख्य अतिथि और अन्य अतिथियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने एनएसएस कैंप को सफल बनाने में योगदान देने वाले सभी व्यक्तियों, शिक्षकों और विद्यार्थियों का धन्यवाद किया।
समापन के अवसर पर मुख्य अतिथि ने सभी स्वयंसेवकों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया और उन्हें भविष्य में समाज सेवा के प्रति समर्पित रहने के लिए प्रेरित किया।
एनएसएस कैंप का उद्देश्य
इस सात दिवसीय कैंप का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में सेवा, अनुशासन और समाज में सकारात्मक योगदान देने की भावना का विकास करना था। इस प्रकार के कैंप विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायक होते हैं और उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। इस एनएसएस कैंप ने विद्यार्थियों को न केवल शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त किया, बल्कि उन्हें समाज सेवा के महत्व को समझने का अवसर भी प्रदान किया। यह उनके भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।