Shimla Masjid Controversy : हिमाचल प्रदेश के शिमला में संजौली उपनगर में स्थित एक मस्जिद के ‘अवैध’ निर्माण के विरोध में गुरुवार (5 सितंबर) को सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया। यह विरोध-प्रदर्शन तब भड़का जब शहर के मलाणा इलाके में एक कारोबारी पर हुए हमले के बाद मस्जिद के अवैध निर्माण का मुद्दा उभर कर सामने आया। प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद की चार मंजिलों को अवैध बताते हुए इसे गिराने की मांग की।
मस्जिद निर्माण पर विवाद (Shimla Masjid Controversy)
विवाद की शुरुआत तब हुई जब कुछ लोगों ने संजौली मस्जिद के बाहर एक युवक के साथ मारपीट की घटना के बाद मस्जिद का घेराव किया और नारेबाजी की। इस घटना के बाद मस्जिद के निर्माण को लेकर विरोध तेज हो गया। बताया जा रहा है कि वक्फ बोर्ड की जमीन पर बनी इस मस्जिद की एक मंजिल को अवैध बताया गया है। नगर निगम की अदालत में इस मामले की सुनवाई चल रही है, जिसमें 7 सितंबर को फैसला आने की उम्मीद है कि इस निर्माण को ध्वस्त किया जाएगा या नहीं।
सरकारी अधिकारियों की प्रतिक्रिया
कांग्रेस सरकार के मंत्री अनिरुद्ध ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा में इस मस्जिद के कुछ हिस्सों को अवैध बताते हुए इसकी जांच की मांग की। वहीं, शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने हमले के मामले में हत्या के प्रयास की धारा के तहत कार्रवाई की घोषणा की और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। नगर निकाय के एक अधिकारी ने भी स्वीकार किया कि मस्जिद की सबसे ऊपरी मंजिल अवैध है और इसे गिराने की प्रक्रिया चल रही है।
समुदायों में बढ़ता तनाव
शिमला में इस मस्जिद के अवैध निर्माण (Shimla Masjid Controversy) को लेकर विरोध-प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अवैध निर्माण के कारण इलाके में तनाव बढ़ गया है और इसे गिराने की मांग कर रहे हैं। वहीं, पुलिस और प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जांच तेज कर दी है।
7 सितंबर को नगर निगम की अदालत में इस मामले की सुनवाई होनी है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।