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सिरमौर : कूड़े को कूड़ेदान में डालने का संकल्प: पर्यावरण संरक्षण के लिए नागरिकों की अहम भूमिका

Dalhousie Hulchul
सिरमौर
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डलहौज़ी हलचल (सिरमौर) कपिल शर्मा : – हाल ही में श्रीखंड महादेव पर फैली गंदगी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों के बीच चिंता की लहर दौड़ गई। इस स्थिति को सुधारने के लिए किन्नौर की हिमालयन ट्राइब फाउंडेशन की 30 सदस्यीय टीम ने 20 जुलाई से 24 जुलाई तक श्रीखंड महादेव तक फैली गंदगी को एकत्रित करने का संकल्प लिया। फाउंडेशन ने इस काम को सफलतापूर्वक अंजाम दिया और 250 बोरियों में कूड़ा भरकर उनमें से 70 बोरियों को नीचे लाने में सफल रही।

सख्त कदमों की जरूरत:

हिमालयन ट्राइब फाउंडेशन के संस्थापक आर.पी. नेगी युल्लाम ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए अब सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि गंदगी फैलाने वालों के लिए सख्त सजा और जुर्माने का प्रावधान होना चाहिए, ताकि लोगों में अनुशासन और जागरूकता बढ़ सके।

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डलहौज़ी हलचल (सिरमौर) कपिल शर्मा : – हाल ही में श्रीखंड महादेव पर फैली गंदगी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों के बीच चिंता की लहर दौड़ गई। इस स्थिति को सुधारने के लिए किन्नौर की हिमालयन ट्राइब फाउंडेशन की 30 सदस्यीय टीम ने 20 जुलाई से 24 जुलाई तक श्रीखंड महादेव तक फैली गंदगी को एकत्रित करने का संकल्प लिया। फाउंडेशन ने इस काम को सफलतापूर्वक अंजाम दिया और 250 बोरियों में कूड़ा भरकर उनमें से 70 बोरियों को नीचे लाने में सफल रही।सख्त कदमों की जरूरत:स्वच्छता अभियान की पहल:आवश्यक कानून और SOP की जरूरत:केंद्र और राज्य सरकारों की भूमिका:जागरूक नागरिकों का संकल्प:अंतर्राष्ट्रीय अनुभव और भारत का मार्ग:

स्वच्छता अभियान की पहल:

जिला परिषद कुल्लू के चैयरमैन पंकज परमार पिछले 15 दिनों से श्रीखंड ट्रैक में सफाई अभियान चला रहे हैं। स्वच्छता के प्रति समाजसेवी संस्थाओं और आम नागरिकों का सक्रिय योगदान बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि हर नागरिक इस दिशा में अपनी जिम्मेदारियों को समझे और निभाए।

आवश्यक कानून और SOP की जरूरत:

सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता बनाए रखने के लिए सख्त कानूनों और SOP (मानक संचालन प्रक्रिया) को लागू करना जरूरी है। सिंगापुर, जापान, और अमेरिका जैसे देशों में सख्त कानूनों के कारण सार्वजनिक स्थलों की स्वच्छता बनी रहती है, जबकि भारत में कूड़ा फेंकने पर केवल 500 रुपये का जुर्माना लगता है, जो कि काफी नहीं है।

केंद्र और राज्य सरकारों की भूमिका:

स्वच्छ भारत अभियान के तहत, केंद्र और राज्य सरकारों को सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाने और उन्हें लागू करने की जरूरत है। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने हाल ही में प्रदेश को प्लास्टिक कचरा मुक्त बनाने के लिए विशेष टास्क फोर्स (STF) के गठन का आदेश दिया है। खीरगंगा, हामटा, बिजली महादेव, साच दर्रा, ब्यास कुंड, श्रीखंड महादेव, मणिमहेश यात्रा, चूड़धार, चांशल और त्रियूंड में प्लास्टिक कचरा मुक्त करने का अभियान छेड़ने को कहा गया है।

जागरूक नागरिकों का संकल्प:

एक जागरूक नागरिक के रूप में, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम कूड़े को खुले में नहीं फेंकें और उसे हमेशा कूड़ेदान में ही डालें। यह छोटा सा कदम हमारे वातावरण को स्वच्छ और स्वस्थ बनाए रखने में बहुत बड़ा योगदान कर सकता है। आइए हम सभी इस दिशा में अपने प्रयासों को बढ़ाएं और अपने समाज को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने में योगदान दें।

अंतर्राष्ट्रीय अनुभव और भारत का मार्ग:

जैसे कि सिंगापुर, जापान और अमेरिका जैसे देशों में सख्त कानूनों और भारी जुर्मानों से स्वच्छता में सुधार हुआ है, वैसे ही भारत में भी इस दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है। सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकने पर सख्त जुर्माना और सजा का प्रावधान होना चाहिए। इसके साथ ही, नागरिकों की जागरूकता और जिम्मेदारी भी महत्वपूर्ण है।

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है।