डलहौज़ी हलचल (सोलन): उपायुक्त मनमोहन शर्मा की अध्यक्षता में सोलन में मंगलवार को ई-ऑफिस पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य जिले के सभी विभागों में डिजिटल कार्यालय प्रणाली को लागू करना और इसे प्रभावी ढंग से संचालित करना सुनिश्चित करना था।
ई-ऑफिस: समय और पर्यावरण की बचत का माध्यम
उपायुक्त ने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो न केवल कार्यों को तेजी से पूरा करने में मदद करता है, बल्कि लेखन सामग्री की बचत करके पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रणाली के माध्यम से कार्य पारदर्शी और अधिक जवाबदेह बनेंगे।
जनवरी 2025 से सभी विभागों में अनिवार्य
मनमोहन शर्मा ने निर्देश दिया कि 1 जनवरी, 2025 से सभी जिला स्तरीय अधिकारी ई-ऑफिस के माध्यम से कार्य शुरू करें और कार्यालय की डाक भी इसी माध्यम से भेजना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ई-ऑफिस का उपयोग सरल और प्रभावी है तथा सरकारी कार्यालयों की कार्यप्रणाली को पेपरलेस बनाने में मदद करेगा।
ई-ऑफिस के प्रमुख लाभ
- डिजिटल अभिलेख: ई-ऑफिस के माध्यम से सरकारी अभिलेखों को कहीं भी, किसी भी समय देखा जा सकता है।
- सुरक्षित दस्तावेज़: यह दस्तावेजों को सुरक्षित रखने और उन्हें आसानी से खोजने में सहायता करेगा।
- पारदर्शिता और जवाबदेही: कार्यप्रणाली अधिक पारदर्शी बनेगी और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
- समय की बचत: यह प्रणाली समय बचाने के साथ-साथ काम को अधिक सुलभ बनाएगी।
प्रशिक्षण और तकनीकी जानकारी
डिजिटल टेक्नोलॉजी एंड गवर्नेंस विभाग के सॉफ्टवेयर सपोर्ट सिस्टम इंजीनियर कमल ने ई-ऑफिस के संचालन और उसके उपयोग की विस्तृत जानकारी दी। उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रश्नों का समाधान भी कार्यशाला के दौरान किया गया।
कार्यशाला में भागीदारी
इस प्रशिक्षण शिविर में 100 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए। अतिरिक्त उपायुक्त अजय यादव सहित विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि भी कार्यशाला में उपस्थित रहे।
ई-ऑफिस पर आयोजित इस कार्यशाला ने सरकारी कार्यालयों में डिजिटलीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। यह पहल न केवल कार्यक्षमता बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और पारदर्शिता को भी बढ़ावा देगी।