डलहौज़ी हलचल (ऊना) : फॉल आर्मी वर्म (Spodoptera frugiperda) मक्की की फसल के लिए एक गंभीर खतरा है। इस कीट का प्रकोप अगर समय पर नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह फसल को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। कृषि विभाग ने इस समस्या से निपटने के लिए कौराजेन (Coragen) कीटनाशक का उपयोग करने की सलाह दी है। कौराजेन सभी विकास खंडों में उपलब्ध है।
कौराजेन का स्प्रे करने की विधि
- पहला स्प्रे: बुआई के दस दिन बाद मक्की के पत्तों के भंवर में कौराजेन का पहला स्प्रे करें।
- समय: स्प्रे को सुबह के शुरुआती घंटों या शाम के समय में करें, जब कीट सबसे सक्रिय होते हैं।
- स्प्रे नोजल का उपयोग: स्प्रे नोजल को पत्ती भंवर की ओर रखें, जहां लार्वा आमतौर पर फीड करते हैं।
- दूसरा स्प्रे: बुआई के 18-22 दिन बाद स्प्रे को दोहरायें।
कृषि विभाग के उप-निदेशक डॉ. कुलभूषण धीमान ने बताया कि खरीफ मक्का की फसल में फॉल आर्मी वर्म का अधिक प्रकोप दिखाई दे रहा है। इसका अधिक प्रकोप होने पर फसल को एक ही रात में भारी नुकसान पहुंच सकता है।
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डलहौज़ी हलचल (ऊना) : फॉल आर्मी वर्म (Spodoptera frugiperda) मक्की की फसल के लिए एक गंभीर खतरा है। इस कीट का प्रकोप अगर समय पर नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह फसल को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। कृषि विभाग ने इस समस्या से निपटने के लिए कौराजेन (Coragen) कीटनाशक का उपयोग करने की सलाह दी है। कौराजेन सभी विकास खंडों में उपलब्ध है।कौराजेन का स्प्रे करने की विधिफॉल आर्मी वर्म की पहचानबचाव के उपायअतिरिक्त जानकारी के लिए संपर्क
फॉल आर्मी वर्म की पहचान
- अण्डे: वयस्क मादा मोथ पौधों की पत्तियों और तनों पर अण्डे देती है। एक बार में मादा 50-200 अण्डे देती है। यह अण्डे 3-4 दिन में फूट जाते हैं।
- लार्वा अवस्था: अण्डों से निकलने वाले लार्वा 14-22 दिन तक इस अवस्था में रहते हैं। लार्वा के जीवन चक्र की तीसरी अवस्था तक इसकी पहचान करना मुश्किल है, लेकिन चौथी अवस्था में इसकी पहचान आसानी से की जा सकती है। चौथी अवस्था में लार्वा के सिर पर अंग्रेजी के उल्टे ‘वाई’ आकार का सफेद निशान दिखाई देता है।
- नुकसान: लार्वा पौधों की पत्तियों को खुरचकर खाता है, जिससे पत्तियों पर सफेद धारियां दिखाई देती हैं। जैसे-जैसे लार्वा बड़ा होता है, वह पौधों की ऊपरी पत्तियों को खाता है और बाद में पौधों के भुट्टे में घुसकर अपना भोजन प्राप्त करता है।
बचाव के उपाय
- गहरी जुताई: भूमि की गहरी जुताई करें, ताकि कीट की लार्वा अवस्था या प्यूपा भूमि में गहरा दब जाए।
- कौराजेन का स्प्रे: समय पर और सही मात्रा में कौराजेन का स्प्रे करें।
- निगरानी: फसल की नियमित निगरानी करें ताकि फॉल आर्मी वर्म का प्रकोप जल्दी से जल्दी पहचाना जा सके।
अतिरिक्त जानकारी के लिए संपर्क
- विकास खंड अम्ब: रमेश लाल (मोबाइल: 9418004250)
- विकास खंड बंगाणा: सतपाल धीमान (मोबाइल: 9418160124)
- विकास खंड गगरेट: नवदीप कौंडल (मोबाइल: 8219170865)
- विकास खंड हरोली: लेखराज संधू (मोबाइल: 9816206687)
- विकास खंड ऊना: प्यारो देवी (मोबाइल: 8628945916)
किसान भाई इन निर्देशों का पालन करके अपनी मक्की की फसल को फॉल आर्मी वर्म के प्रकोप से बचा सकते हैं और फसल की अच्छी उपज सुनिश्चित कर सकते हैं। कृषि विभाग द्वारा दिए गए इन उपायों का पालन करके आप अपनी फसल को सुरक्षित रख सकते हैं।