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हिमाचल भवन मामले में प्रदेश सरकार करेगी उचित कानूनी उपाय सुनिश्चित: मुख्यमंत्री

Dalhousie Hulchul
हिमाचल भवन

पूर्व भाजपा सरकार मामले की मजबूती से पैरवी करने में रही असफल

डलहौज़ी हलचल (शिमला): मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा नई दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को अटैच करने के निर्णय के खिलाफ राज्य सरकार उचित कानूनी उपाय सुनिश्चित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश और प्रदेशवासियों के हितों की रक्षा के लिए सरकार इस मामले में पुरजोर वकालत करेगी।

मामले की पृष्ठभूमि

मुख्यमंत्री ने बताया कि यह परियोजना वर्ष 2009 में मेसर्स मोजर बेयर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड को प्रदान की गई थी। उस समय की ऊर्जा नीति के अनुसार, कंपनी को प्रति मेगावाट 10 लाख रुपये का अग्रिम प्रीमियम भुगतान करना था। हालांकि, प्रतिस्पर्धी बोली के दौरान कंपनी ने प्रति मेगावाट 20 लाख रुपये की बोली लगाई और 64 करोड़ रुपये का अग्रिम प्रीमियम जमा करवाया। कंपनी ने वर्ष 2017 में परियोजना को वित्तीय रूप से व्यवहार्य न बताते हुए इसे सरेंडर कर दिया। इसके बाद सरकार ने नीति के अनुसार परियोजना का आवंटन रद्द करते हुए अग्रिम प्रीमियम की राशि जब्त कर ली।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय की नीति में परियोजना स्थापित करने में विफल रहने पर अग्रिम प्रीमियम वापस करने का कोई प्रावधान नहीं था। उन्होंने इस नीति को तैयार करने में पूर्व ऊर्जा मंत्री विद्या स्टोक्स के साथ विधायक के रूप में योगदान देने का भी उल्लेख किया।

भाजपा सरकार पर आरोप

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पूर्व भाजपा सरकार ने इस मामले की सही तरीके से पैरवी नहीं की। उन्होंने कहा कि जय राम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने विधानसभा चुनाव 2022 के दृष्टिगत 5000 करोड़ रुपये की “रेवड़ियां” बांटीं और प्रदेश के संसाधनों को नीलाम कर दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जय राम सरकार प्रदेश हित के मामलों को कानूनी और प्रशासनिक रूप से मजबूत तरीके से प्रस्तुत करने में असफल रही। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने न केवल हिमाचल भवन मामले को गंभीरता से नहीं लिया, बल्कि इसे हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के निर्णय के खिलाफ चुनौती तक नहीं दी।

वर्तमान सरकार की उपलब्धियां

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार ने अडानी मामले में प्रभावी पैरवी कर प्रदेश के पक्ष में निर्णय हासिल किया, जिससे राज्य को 280 करोड़ रुपये की बचत हुई। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार उच्च न्यायालय की डबल बेंच में मजबूती से पैरवी कर प्रदेश के हित में निर्णय लाने में सफल रही।

भविष्य की रणनीति

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल भवन मामले में सरकार प्रदेशवासियों के हितों की रक्षा के लिए प्रभावी कानूनी कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में उच्च न्यायालय के निर्णय को चुनौती देने और कानूनी समाधान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

नेता प्रतिपक्ष पर पलटवार

मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर द्वारा “शीर्ष वकीलों की सेवाएं लेने” के बयान की आलोचना करते हुए इसे केवल भाजपा सरकार की विफलताओं को छिपाने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि जय राम सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान प्रशासनिक और कानूनी स्तर पर गंभीर लापरवाहियां कीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार प्रदेशवासियों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए मजबूत और प्रभावी नीतियों के माध्यम से प्रदेश के संसाधनों और हितों की रक्षा करेगी।

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