डलहौज़ी हलचल (शिमला): प्रदेश सरकार ने नशामुक्त हिमाचल बनाने के उद्देश्य से नशामुक्त भारत अभियान के तहत केंद्र सरकार को एक विस्तृत प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया है। इस प्रस्ताव में प्रदेश में नशामुक्ति केंद्र स्थापित करने सहित अन्य महत्वपूर्ण क्रियाकलापों का विवरण शामिल किया जाएगा, जिसके आधार पर केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता का अनुरोध किया जाएगा। यह कदम सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा उठाया जा रहा है।
राज्य स्तरीय नशामुक्त अभियान समिति की बैठक
आज यहां राज्य स्तरीय नशामुक्त अभियान समिति की पहली बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता आशीष सिंघमार ने की। बैठक में प्रदेश में नशामुक्ति अभियान को प्रभावी बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए।
विस्तृत प्रस्ताव और समन्वय की दिशा
आशीष सिंघमार ने विभागीय अधिकारियों को जिला नशामुक्त अभियान समिति के तहत विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य, पुलिस, और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अभियान को सफल बनाने के लिए आपसी समन्वय से कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफलता दिलाने के लिए सामाजिक संस्थाओं का भी अहम योगदान आवश्यक है।

नशामुक्ति केंद्रों की स्थिति और विस्तार
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि कुल्लू, हमीरपुर, और ऊना में पहले से 15 बिस्तर क्षमता के एकीकृत पुनर्वास केंद्र चलाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, सिरमौर, मंडी, और शिमला जिलों में नशामुक्ति केंद्र स्थापित करने पर विचार किया गया है।
शेष जिलों में व्यवहारिकता और उपयोगिता के आधार पर केंद्र खोले जाने की संभावना पर चर्चा की गई। इसके साथ ही प्रदेश के कारावासों में भी नशामुक्ति अभियान चलाने के प्रस्ताव पर भी विचार विमर्श हुआ।
आगे की योजना
प्रदेश सरकार नशामुक्ति अभियान के तहत केंद्र सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए इस प्रस्ताव को शीघ्र ही अंतिम रूप देने की योजना बना रही है। इस प्रक्रिया में विभागीय अधिकारियों द्वारा कई सुझाव दिए गए, जिन्हें अंतिम प्रस्ताव में शामिल किया जाएगा।
बैठक में पुलिस, शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, स्वास्थ्य विभाग और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि भी मौजूद थे, जिन्होंने नशामुक्ति अभियान के विभिन्न पहलुओं पर अपने सुझाव प्रस्तुत किए।