डलहौजी हलचल (धर्मशाला): हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के अध्यक्ष रघुबीर सिंह बाली ने सोमवार को एक पत्रकार वार्ता में कहा कि राज्य सरकार पारदर्शिता, प्रगति, और निगम की संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि एचपीटीडीसी की संपत्तियों को पट्टे पर देने या बेचने की सभी अफवाहें निराधार हैं।
निगम की संपत्तियां राज्य की धरोहर हैं
श्री बाली ने कहा कि एचपीटीडीसी की संपत्तियां राज्य की समृद्ध विरासत और गौरव का प्रतीक हैं, और इन्हें प्रभावी तरीके से संचालित करने के साथ-साथ उनकी धरोहर बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन संपत्तियों को सुरक्षित रखने और उनकी परिचालन दक्षता बढ़ाने पर पूरा ध्यान केंद्रित कर रही है।
कर्मचारियों के हित सर्वोपरि
एचपीटीडीसी के कर्मचारियों की समस्याओं और चिंताओं को हल करने के लिए सरकार ने एक समिति का गठन किया है। श्री बाली ने बताया कि पिछले दो वर्षों में कर्मचारियों को 35 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ दिए गए हैं, जो कि पिछली सरकार के पांच वर्षों में दिए गए 29 करोड़ रुपये से अधिक है। नई वेतनमान प्रणाली लागू करने के बावजूद, निगम ने वित्तीय स्थिरता बनाए रखी है।
विपक्ष को जवाब
श्री बाली ने विपक्ष पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे केवल सरकार की छवि खराब करने के लिए गलत बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके ऊपर किसी भी प्रकार की वित्तीय देनदारी नहीं है और सभी आरोप बेबुनियाद हैं।
राजस्व में वृद्धि और उच्च न्यायालय का समर्थन
उन्होंने निगम की वित्तीय प्रगति की सराहना करते हुए बताया कि 2022-23 में 105 करोड़ रुपये और 2023-24 में 109 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड कारोबार हुआ। साथ ही, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश, कि सभी एचपीटीडीसी होटल बिना शर्त चालू रहेंगे, को एक सकारात्मक कदम बताते हुए उन्होंने इसे राज्य के पर्यटन क्षेत्र के लिए फायदेमंद करार दिया।
निगम की दीर्घकालिक स्थिरता पर जोर
श्री बाली ने दोहराया कि राज्य सरकार एचपीटीडीसी की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने और पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने कहा कि निगम ने राजस्व वृद्धि और परिचालन दक्षता पर नया ध्यान केंद्रित किया है, जो हिमाचल प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र को और मजबूत करेगा।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार का हर कदम निगम की धरोहर को संरक्षित करने और पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में उठाया गया सकारात्मक प्रयास होगा।