डलहौज़ी हलचल (नूरपुर) : राजकीय महाविद्यालय रिड़कमार की हिस्टोरिकल सोसाइटी ने छात्रों के लिए एकदिवसीय शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया। इस यात्रा में 60 से अधिक छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया और मसरूर मंदिर और कांगड़ा किले जैसे ऐतिहासिक स्थलों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
इतिहास विभाग के प्रोफेसरों ने किया नेतृत्व
भ्रमण का नेतृत्व इतिहास विभाग के प्रोफेसर मनोज कुमार ने किया। इस दौरान प्रोफेसर मनोज कुमार ने छात्रों को मसरूर मंदिर और कांगड़ा किले के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और स्थापत्य महत्व के बारे में जानकारी दी। उनके साथ प्रोफेसर हाकम चंद और प्रोफेसर भूपेंद्र सिंह ने भी छात्रों का मार्गदर्शन किया और यात्रा को सफल बनाने में सहयोग दिया।

छात्रों के लिए ज्ञानवर्धक अनुभव
भ्रमण के दौरान राजकीय महाविद्यालय रिड़कमार के छात्रों ने मसरूर मंदिर की अद्वितीय शिल्पकला और कांगड़ा किले के ऐतिहासिक महत्व को समझा। प्रोफेसर मनोज कुमार ने इन स्थलों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और उनकी सांस्कृतिक धरोहर के बारे में विस्तृत जानकारी दी। यह अनुभव छात्रों के लिए न केवल रोमांचक था, बल्कि उनके शैक्षणिक ज्ञान को भी समृद्ध करने वाला साबित हुआ।
शैक्षणिक यात्रा का उद्देश्य
इस शैक्षणिक भ्रमण का मुख्य उद्देश्य छात्रों को भारत की ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक महत्व से परिचित कराना था। आयोजकों ने कहा कि इस तरह की यात्राएं छात्रों को इतिहास को जीवंत रूप में समझने और अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने का अवसर प्रदान करती हैं।

क्या रही छात्रों और आयोजकों की प्रतिक्रियाएं
इस यात्रा में शामिल छात्रों ने इसे एक प्रेरणादायक और शिक्षाप्रद अनुभव बताया। राजकीय महाविद्यालय रिड़कमार के छात्रों ने कहा कि मसरूर मंदिर और कांगड़ा किले की यात्रा ने उनके इतिहास के ज्ञान को गहराई से बढ़ाया है और इन स्थलों के महत्व को करीब से समझने का मौका दिया है।
आयोजनकर्ताओं ने इस शैक्षणिक यात्रा को छात्रों के लिए एक बड़ी सफलता करार दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की यात्राएं छात्रों को हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के बारे में जागरूक करने का एक प्रभावी तरीका हैं।