डलहौज़ी हलचल (चंबा)भूषण गुरंग : नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को साकार करने के उद्देश्य से पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय बकलोह में दिनांक 02 जून से 10 जून 2025 तक भारतीय भाषा समर कैम्प (BBSC) 2025 का भव्य आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस शिविर में विद्यालय के छात्रों ने अत्यंत उत्साह, समर्पण एवं सहभागिता के साथ भाग लिया।
गौरतलब है कि इस आयोजन के अंतर्गत विद्यालय ने पड़ोसी राज्य पंजाब की क्षेत्रीय बोली “पंजाबी” को चयनित भाषा के रूप में स्वीकार किया। छात्रों ने इस भाषा को पूरे मनोयोग से सीखा, समझा तथा विविध मंचों पर प्रस्तुत कर अपनी भाषाई प्रतिभा का परिचय दिया।
इस सप्ताहव्यापी शिविर का उद्देश्य छात्रों में भारतीय भाषाओं के प्रति सम्मान, रुचि, विविधता की समझ एवं भाषाई सौहार्द की भावना को प्रोत्साहित करना था। शिविर के दौरान आयोजित गतिविधियाँ 22 अनुसूचित भाषाओं की सांस्कृतिक झलकियों से भरपूर थीं, जिनमें बोलचाल, अभिवादन, गीत-संगीत, चित्रकला, नाटक, व्यंजन प्रदर्शन, प्रेरक व्यक्तित्वों की चर्चा आदि सम्मिलित रहीं।
शिविर की शुरुआत 2 जून को कुशल व्यवहार, अभिवादन एवं सामान्य संवाद के अभ्यास से हुई। 3 जून को भारतीय भाषाओं पर आधारित संगोष्ठी और पारंपरिक जीवन शैली पर संवाद सत्र आयोजित किया गया। 4 जून को छात्रों ने लोकगीतों, नृत्यों और चित्रों के माध्यम से अपनी रचनात्मकता का परिचय दिया। 5 जून को भारतीय मसालों, फलों, सब्जियों और पारंपरिक व्यंजनों से संबंधित जानकारी प्रस्तुत की गई। 6 जून को प्रेरणादायक कथाएँ, संवाद, नाटक मंचन तथा स्वतंत्रता सेनानियों की जीवनगाथाओं का सजीव चित्रण हुआ। 9 जून को छात्रों ने स्थानीय नायकों और प्रेरक व्यक्तित्वों पर प्रभावशाली प्रस्तुतियाँ दीं। अंतिम दिन 10 जून को प्रेरक कथा-वाचन और समापन समारोह का आयोजन किया गया।
समापन अवसर पर ओमप्रकाश ढाका (पी.जी.टी. हिंदी) ने मुख्य वक्ता के रूप में विद्यार्थियों को भारत की भाषाई विविधता की महत्ता समझाई और राष्ट्रीय एकता के सूत्र में बंधे रहने की प्रेरणा दी। उन्होंने छात्रों की प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी गतिविधियाँ न केवल ज्ञानवर्धक होती हैं बल्कि छात्रों में आत्मविश्वास और सांस्कृतिक समझ भी विकसित करती हैं।
विद्यालय परिवार ने इस आयोजन के सफल समापन पर सभी छात्रों, शिक्षकों एवं आयोजकों को हार्दिक बधाई दी तथा भविष्य में भी इसी प्रकार के रचनात्मक एवं शैक्षणिक कार्यक्रमों के आयोजन की आशा व्यक्त की।