डलहौज़ी हलचल (शिमला) : हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) द्वारा 17 और 18 सितंबर, 2024 को शिमला के फेयरलॉन परिसर में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के किसानों को एफपीओ के माध्यम से कृषि मूल्य श्रृंखला में सुधार लाने और उनकी क्षमताओं को सशक्त बनाने पर केंद्रित था। कार्यशाला का उद्घाटन प्रसिद्ध किसान श्री नेक चंद, जिन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है, द्वारा किया गया।
कार्यशाला के उद्देश्य और मुख्य बिंदु
हिपा के अतिरिक्त निदेशक प्रशांत सिरकेक ने बताया कि इस कार्यशाला का प्रमुख उद्देश्य प्रदेश के किसानों को संगठित करते हुए उनकी आय में वृद्धि के अवसरों को बढ़ावा देना था। इसमें राज्य भर से 55-60 एफपीओ के सदस्य शामिल हुए, जो विभिन्न क्षेत्रों जैसे फसल उत्पादन, डेयरी, पोल्ट्री, बागवानी, वानिकी, मत्स्य पालन, ऊन और सब्जी उत्पादन में सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।
विशेषज्ञों की भागीदारी
कार्यशाला में सरकारी विभागों के अधिकारी, कृषि और बागवानी के विशेषज्ञ, और नाबार्ड, एनसीडीसी एवं नैफेड जैसी केंद्रीय एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इन विशेषज्ञों ने एफपीओ के सदस्यों के साथ समूह चर्चा, संवादात्मक सत्र और प्रस्तुतियाँ कीं, जिससे किसानों को अपने व्यवसाय को और अधिक प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए आवश्यक जानकारी प्राप्त हुई।
सतत कृषि और सामूहिक प्रयासों का जोर
कार्यशाला में मुख्य रूप से इस बात पर जोर दिया गया कि राज्य सरकार के सतत कृषि को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण के साथ सामूहिक प्रयासों से कैसे किसानों की आय में वृद्धि की जा सकती है। प्रशांत सिरकेक ने बताया कि यह आयोजन किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, क्योंकि इससे उन्हें अपनी फसलों की बेहतर पैदावार और विपणन के लिए आधुनिक तकनीक और नीतियों की जानकारी मिली।
निष्कर्ष
यह कार्यशाला हिमाचल प्रदेश के कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी, क्योंकि एफपीओ के माध्यम से किसानों को संगठित कर उनकी उत्पादन और विपणन क्षमताओं को सशक्त किया जा रहा है। यह राज्य सरकार की किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में एक और सकारात्मक प्रयास है।