डलहौज़ी हलचल (शिमला) 31 जुलाई 2024 – जिला शिमला को क्षय रोग (टीबी) से मुक्त करने के उद्देश्य से आज उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में जपाइगो और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया।
टीबी मुक्त हिमाचल के लिए नई पहल
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बैठक में बताया कि प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने जपाइगो के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत जपाइगो का प्रोजेक्ट, टीबी इंप्लीमेंटेशन फ्रेमवर्क एग्रीमेंट (टीफा), 01 अक्टूबर 2024 से जिले में शुरू होगा।
मेडिकल स्टोर्स और आयुर्वेदिक चिकित्सकों के लिए प्रशिक्षण
इससे पूर्व, जपाइगो जिले में दवाई विक्रेताओं और आयुर्वेदिक चिकित्सकों के लिए प्रशिक्षण आयोजित करेगा। इस प्रशिक्षण के दौरान, प्रोजेक्ट के अंतर्गत किए जाने वाले कार्यों पर विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
कफ सिरप खरीदने वालों की टीबी जांच
उपायुक्त ने निर्देशित किया कि जिले के हर मेडिकल स्टोर के केमिस्ट को कफ सिरप खरीदने वाले व्यक्तियों का डाटा टीबी मुक्त हिमाचल एप पर अपलोड करना होगा। इसके बाद, सात दिनों के भीतर कफ सिरप खरीदने वाले व्यक्तियों को एक ऑटोमेटिक कॉल प्राप्त होगी। यदि सात दिनों के भीतर खांसी ठीक नहीं होती है, तो व्यक्ति को टीबी टेस्टिंग के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, आयुर्वेदिक अस्पतालों में भी टीबी के सैंपल लिए जाएंगे।
रिपोर्ट और कार्यक्रम की निगरानी
उपायुक्त ने जपाइगो और स्वास्थ्य विभाग को कार्यक्रम के आरंभ के बाद 45 दिनों के भीतर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए, ताकि कार्यक्रम की प्रभावशीलता का आकलन किया जा सके।
स्वास्थ्य का महत्व
अनुपम कश्यप ने कहा कि व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए उसका स्वास्थ्य ठीक होना अत्यंत आवश्यक है, और इसी दृष्टि से जिला प्रशासन कार्य कर रहा है।
इस बैठक में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. विनीत, जपाइगो के टेक्निकल लीड ऑफिसर डॉ. पूजा, और सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर जपाइगो हिमाचल प्रदेश आशुल हेडा भी उपस्थित रहे।