डलहौज़ी हलचल (शिमला): शनिवार रात शिमला के रामकृष्ण मिशन आश्रम में स्थिति तनावपूर्ण हो गई जब आश्रम में पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं घटीं। इस घटनाक्रम के बाद पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हस्तक्षेप किया।
शनिवार शाम करीब 5:40 बजे, रामकृष्ण मिशन आश्रम में स्वामी रूपानंद के प्रवचन के दौरान 50-60 लोग मंदिर में घुस गए। शुरुआत में इन लोगों ने खुद को भक्त बताते हुए स्थान लिया, लेकिन जैसे ही स्वामी तिनमहिमानन्द का प्रवचन समाप्त हुआ, उन्होंने मंदिर में कलश स्थापित करना शुरू कर दिया। स्वामी रूपानंद ने इनसे कलश स्थापित करने से मना किया, लेकिन वे नहीं माने और मंत्रों के साथ कलश स्थापना करने लगे। इस घटना के बाद जिला प्रशासन को सूचित किया गया।
कब्जे की कोशिश का आरोप
रामकृष्ण मिशन शिमला के स्वामी ने आरोप लगाया कि उनका पुराना कर्मचारी नेता विशाल शर्मा और उसके कुछ अन्य सहयोगी मंदिर पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे। स्वामी ने दावा किया कि विशाल शर्मा के पास मंदिर पर कब्जा करने के कोई वैध दस्तावेज़ नहीं थे, और उन्होंने इस मुद्दे को पहले ही अदालत में उठाया था।
पुलिस और प्रशासन का हस्तक्षेप
मामला बढ़ने के बाद शिमला पुलिस और एसडीएम भानु गुप्ता मौके पर पहुंचे। प्रशासन ने दोनों पक्षों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन स्थिति और बिगड़ गई। इसके बाद, मंदिर में बाहरी लोग डटे रहे और मंत्रोच्चारण करते रहे, जबकि मंदिर के स्थानीय लोग स्वामी के पक्ष में खड़े हो गए।
पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं
रात करीब एक बजे बहस के दौरान एक पक्ष ने पत्थर फेंके। इसके बाद स्थिति और बिगड़ी, और पथराव की घटनाओं के साथ-साथ मंदिर में गमलों को भी फेंका गया। पुलिस ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन पथराव की वजह से पुलिसकर्मी भी चोटिल हो गए। सुरक्षा कारणों से पुलिस ने मंदिर में बैठे लोगों को बाहर जाने के लिए कहा, लेकिन दूसरा पक्ष वहां से जाने को तैयार नहीं हुआ। अंत में, बाहरी लोग मंदिर में घुस गए और उसे अंदर से बंद कर दिया। इस दौरान मंदिर में तोड़फोड़ भी की गई।
पुलिस कार्रवाई
घटना के बाद शिमला पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 298, 194 (2), 191 (2), 191 (3), 190, 115 (2), 324 (4), 352 और 351 (2) के तहत आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस समय शिमला में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि स्थिति को शांत और नियंत्रित रखा जा सके।