डलहौजी हलचल (शिमला): मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम की 214वीं निदेशक मंडल की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे निगम के डिपो में रखी ईमारती लकड़ी की निस्तारण प्रक्रिया में तेजी लाएं, ताकि इसे गलने से बचाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के प्रथम चरण की मंजूरी के उपरांत रेखागत परियोजनाओं के दायरे में आने वाले पेड़ों को काटने के लिए वन मंडल अधिकारियों (डीएफओ) सहित निगम के अधिकारियों को शक्तियां सौंपने की संभावनाएं तलाशने पर जोर दिया, ताकि इस प्रक्रिया में अनावश्यक देरी न हो।
वित्तीय लाभ और ठेकेदारों पर कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य वन विकास निगम पहली बार एफसीए मंजूरी के उपरांत ब्यास नदी से खनन गतिविधियां शुरू करेगा। उन्होंने दोषी ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने और उनके खिलाफ वसूली की कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए, ताकि भविष्य में निविदाओं में उनके भाग लेने पर रोक लगाई जा सके।
मुख्यमंत्री ने निगम के वित्तीय प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में 2.17 करोड़ रुपये, 2022-23 में 8 करोड़ रुपये और 2023-24 में 10.04 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि वन निगम में कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए 100 वन वीरों की नियुक्ति की जाएगी और प्रदेश सरकार वन निगम को आत्मनिर्भर और लाभप्रद बनाने के लिए हर संभव सहयोग प्रदान करेगी।
अतिरिक्त लाभ और महंगाई भत्ता
निदेशक मंडल ने 2022-23 के लिए निगम के कर्मचारियों को अतिरिक्त लाभ प्रदान करने की मंजूरी दी, जिससे 227 कर्मचारी लाभान्वित होंगे। निगम के दैनिक भोगियों की दिहाड़ी 400 रुपये करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा, निगम के सभी कर्मचारियों को 1 अप्रैल, 2024 से चार प्रतिशत महंगाई भत्ते की एक और किश्त जारी करने तथा दो वर्ष का अनुबंध कार्यकाल पूरा करने वाले 80 कर्मचारियों को नियमित करने का भी निर्णय लिया गया।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष मॉनसून के प्रकोप के कारण शिमला शहर में 618 पेड़ क्षतिग्रस्त हुए थे, जिनकी लकड़ी बेचकर 2.50 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। इस मौके पर वन निगम ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए मुख्यमंत्री को 51 लाख रुपये का चेक भेंट किया।
बैठक में वन निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, प्रधान सचिव वन अमनदीप गर्ग, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, प्रधान मुख्य वन अरण्यपाल राजीव कुमार, निगम के प्रबंध निदेशक पबनेश शर्मा, विशेष सचिव (वित्त) रोहित जमवाल और गैर-सरकारी सदस्य कृष्ण चंद, नीलम ठाकुर, तोग सिंह ठाकुर, मदन शर्मा, गंगा सिंह, अनिल ठाकुर, कृष्ण कुमार और योगेश महाजन भी उपस्थित थे।