डलहौज़ी हलचल (शिमला): उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के निदेशक मंडल की 158वीं बैठक और बस अड्डा प्रबंधन एवं विकास प्राधिकरण की 70वीं बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि एचआरटीसी में 177 पद जेओए (आईटी) और 12 पद कम्प्यूटर ऑपरेटर के भरने के लिए नया भर्ती अभियान चलाया जाएगा। यह पद पहले हमीरपुर चयन आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में पेपर लीक के कारण स्थगित हो गए थे। अब इन पदों को भरने के लिए नए चयन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
उप-मुख्यमंत्री ने बैठक में 100 मिनी बसों की खरीद को भी मंजूरी दी, जिससे हिमाचल प्रदेश में परिवहन सेवाओं को और भी सुदृढ़ किया जा सके।
लगेज पॉलिसी में रियायत
बैठक में लगेज पॉलिसी में भी रियायत देते हुए, एचआरटीसी की बसों में दूध और सब्जियों का किराया माफ करने का निर्णय लिया गया। यह कदम कृषि उत्पादों के परिवहन में सुगमता लाने और किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
परियोजनाओं के विकास की दिशा में कदम
उप-मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि एचआरटीसी के बेड़े में 297 नई इलेक्ट्रिक बसों की खरीद की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, जो प्रदूषण कम करने और सार्वजनिक परिवहन को और सुविधाजनक बनाने में मदद करेगी।
नई पार्किंग और व्यावसायिक परिसर
बैठक में बैजनाथ, चंबा और ऊना के पुराने बस अड्डों पर कार पार्किंग और व्यावसायिक परिसर के निर्माण का निर्णय लिया गया। ऊना के पुराने बस अड्डे में सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी मोड पर कार पार्किंग और कॉमर्शियल कॉम्प्लैक्स बनेगा, जिससे शहर में पार्किंग की समस्या हल होगी और आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी।
आर्थिक स्थिति और सुधार
उप-मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि एचआरटीसी ने अब तक 66 करोड़ रुपये की आय अर्जित की है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक है। साथ ही, उन्होंने निगम की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए कदम उठाने की बात की ताकि नागरिकों को बेहतर सेवाएं मिलें और निगम की आय में वृद्धि हो।
निदेशक मंडल के सदस्य और प्रबंध निदेशक का योगदान
बैठक में निदेशक मंडल के सदस्य, प्रधान सचिव आर.डी. नजीम, निदेशक डीसी नेगी, और विशेष सचिव वित्त रोहित जम्वाल भी उपस्थित थे। प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बैठक का संचालन किया और निगम की कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाने का आश्वासन दिया।
यह बैठक एचआरटीसी के विकास और सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई, जिसमें कई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई और निगम की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया गया।