डलहौज़ी हलचल (शिमला) – हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण तथा शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपने तीन दिवसीय चंबा दौरे को दूसरे दिन ही स्थगित कर दिया और सांयकाल शिमला के लिए रवाना हो गए। इस निर्णय के पीछे प्रमुख कारण राज्य के विभिन्न जिलों में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं से हुई तबाही है।
मिंजर मेले और अन्य कार्यक्रम स्थगित
विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि वह 1 अगस्त की शाम को मिंजर मेले की सांस्कृतिक संध्या में शामिल होने वाले थे और 2 अगस्त को चंबा जिले के अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वाले थे, लेकिन उन्होंने इन सभी कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है।
राहत और बचाव कार्यों की प्राथमिकता
उन्होंने कहा, “पिछले 24 घंटे के दौरान हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हुई भारी बारिश के कारण कुल्लू, मंडी, शिमला सहित अन्य जिलों में जान-माल को भारी नुकसान हुआ है।” विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि इन क्षेत्रों में तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किए जा रहे हैं, जिसके लिए उन्हें चंबा का दौरा बीच में ही छोड़कर लौटना पड़ा।
मुख्यमंत्री की उच्च स्तरीय बैठक
विक्रमादित्य सिंह ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस मुद्दे पर शिमला में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में विभिन्न संस्थाओं और विभागों को तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
रामपुर और मणिकर्ण घाटी में नुकसान
उन्होंने बताया कि शिमला जिले के रामपुर और कुल्लू जिले के मणिकर्ण घाटी में ज्यादा नुकसान की खबरें हैं। ऐसी स्थिति में राहत और बचाव कार्यों के साथ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर आम आदमी को राहत पहुंचाना सरकार की पहली प्राथमिकता है।
समाज का दायित्व
लोक निर्माण मंत्री ने कहा, “आपदा के समय में समाज के सभी वर्गों का दायित्व है कि सरकार और प्रशासन के साथ मिलकर लोगों की सेवा करें और इस मुश्किल समय में उनका सहारा बनें।” उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान सड़कों का होता है, इसलिए सड़कों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के कार्यों को भी प्राथमिकता दी जाएगी।