डलहौज़ी हलचल (चंबा): चंबा जिले के वन परिक्षेत्र मसरूंड में कशमल के अवैध खनन का विरोध कर रहे ग्रामीणों को धमकियां मिलने की शिकायत सामने आई है, जिससे क्षेत्र में भय का माहौल बना हुआ है। शुक्रवार को ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस अधीक्षक (एस.पी.) अभिषेक यादव से मिला और उन्हें ज्ञापन सौंपकर सुरक्षा तथा कठोर कार्रवाई की मांग की।
वन विभाग की लापरवाही से वन संपदा को नुकसान
ग्रामीणों तिलक, संजय, रमेश, मनोज, संजय, सुभाष, हंसराज, राजेश, बलदेव व प्रेम लाल आदि ने बताया कि इस वर्ष वन विभाग ने निजी भूमि से कशमल को उखाड़ने की स्वीकृति प्रदान की थी। यह स्वीकृति इस शर्त पर दी गई थी कि वन विभाग द्वारा निजी भूमि पर केवल 40 प्रतिशत कशमल की निशानदेही करवाई जाएगी, लेकिन इस प्रक्रिया को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया।
अवैध तरीके से हो रहा वन भूमि से कशमल का दोहन
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि निजी भूमि की आड़ में वन भूमि से कशमल को उखाड़कर बड़े पैमाने पर लूट मचाई जा रही है। वन विभाग की चुप्पी के कारण माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। स्थिति इतनी गंभीर है कि क्षेत्र में जगह-जगह कशमल के ढेर लगे हुए हैं, और बड़ी मात्रा में कशमल की गाड़ियां बाहरी राज्यों में भेजी जा चुकी हैं।
विरोध करने पर ग्रामीणों को मिल रही धमकियां
जब ग्रामीणों ने अवैध खनन का विरोध किया, तो उन्हें धमकियां मिलने लगीं। विरोध करने वालों को डराया-धमकाया जा रहा है, ताकि वे चुप रह सकें। ग्रामीणों ने कहा, “एक तरफ वन संपदा लूटी जा रही है और दूसरी तरफ विरोध करने वालों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है।”
ग्रामीणों ने प्रशासन से की यह मांगें
ग्रामीणों ने एस.पी. से अपील की कि –
- अवैध खनन की गहन जांच की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
- विरोध करने वाले ग्रामीणों को सुरक्षा प्रदान की जाए।
- धमकाने वालों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की जाए।
- जब तक जांच पूरी न हो, तब तक कशमल की किसी भी गाड़ी को भरने की अनुमति न दी जाए।
एस.पी. ने दिया जांच का आश्वासन
एस.पी. अभिषेक यादव ने ग्रामीणों की शिकायत पर गंभीरता दिखाते हुए कहा कि मामले की जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन समय पर कार्रवाई नहीं करता, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।