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कशमल के अवैध खनन के विरुद्ध लामबंद हुए मसरूंड परिक्षेत्र के ग्रामीण

Dalhousie Hulchul

         
डलहौज़ी हलचल (चंबा) :  मसरूंड वन परिक्षेत्र में कशमल के अवैध खनन के खिलाफ ग्रामीण लामबंद हो गए हैं। झुलाड़ा, कुठेड़, मसरूंड और कोहाल पंचायतों के लोगों ने रेटा में एकत्रित होकर एक चिंतन शिविर का आयोजन किया। शिविर में चंबा के प्रसिद्ध पर्यावरण प्रेमी रतन चंद और जडेरा पंचायत के पूर्व प्रधान मान सिंह,बीडीसी सदस्य उत्तम चंद वशिष्ट विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने ग्रामीणों को पर्यावरण संरक्षण और कशमल के महत्व के बारे में जागरूक किया।

कशमल: पर्यावरण का वरदान

रतन चंद ने बताया कि कशमल केवल एक झाड़ नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए वरदान है। यह भूमि कटाव रोकने, नमी बनाए रखने और वन्यजीवों के भोजन का मुख्य स्रोत है। कशमल के फल बंदरों और पक्षियों के लिए भोजन का काम करते हैं, जिससे किसानों की फसलें बर्बाद होने से बचती हैं। इसके अलावा, यह नदी-नालों के जल स्तर को बनाए रखने में भी सहायक है।

कशमल

खनन की बढ़ती समस्या और पर्यावरणीय खतरे

शिविर में ग्रामीणों ने चिंता व्यक्त की कि कशमल के अवैध खनन से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि वन भूमि पर खनन न केवल पर्यावरणीय संतुलन को बिगाड़ता है, बल्कि हिमालय क्षेत्र के लिए भी गंभीर खतरा है। सरकार द्वारा कशमल के परिवहन की अवधि 15 फरवरी तक बढ़ाए जाने को गलत ठहराते हुए, इसे भारी खनन की संभावना का कारण बताया गया।

वन विभाग की निष्क्रियता पर नाराजगी

ग्रामीणों ने वन विभाग की निष्क्रियता पर भी गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि निजी भूमि पर खनन की आड़ में वन भूमि पर बड़े पैमाने पर कशमल के पेड़ उखाड़े जा रहे हैं। ठेकेदारों द्वारा किसानों को औने-पौने दाम पर ठगा जा रहा है और वन संपदा की लूट जारी है।

कशमल

जांच और कार्यवाही की मांग

ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि कशमल के अवैध खनन की जांच की जाए और दोषियों पर सख्त कार्यवाही हो। उन्होंने कहा कि वन विभाग को तुरंत प्रभावी कदम उठाने चाहिए ताकि पर्यावरण की रक्षा हो सके।

स्थानीय प्रतिनिधिमंडल जिलाधीश से मिलेगा

ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधीश चंबा से मिलेगा और उनके माध्यम से राज्यपाल और मुख्यमंत्री को इस समस्या के समाधान हेतु आग्रह करेगा। ग्रामीणों ने कहा कि वन संपदा की रक्षा के लिए वे किसी भी स्तर तक जाने को तैयार हैं।

इस बैठक में कुलदीप, राहुल, दुनी चंद, दीपक कुमार, कपिल, संदीप कुमार, सोनू आर्यन, तिलक, हेम राज, लेख राज, पवन, पंकू, दिनेश, सुरेश, दीपक, प्रभ दयाल, शक्ति सहित लगभग 40 ग्रामीण मौजूद रहे।

कशमल के अवैध खनन के खिलाफ ग्रामीणों का यह कदम पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनकी जागरूकता और संकल्प को दर्शाता है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार और प्रशासन इस मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं।

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है।