डलहौज़ी हलचल (डलहौज़ी) अशोक चौहड़िया – स्थानीय निरंकारी सत्संग भवन बनीखेत में साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया, जिसमें बहन सुनीता जी ने भक्तजनों को आध्यात्मिक संदेश देते हुए बताया कि निराकार परमात्मा का विस्तार हर स्थान पर है, और यह अनंत है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी सोच का विस्तार करना चाहिए और अपने स्वभाव में अच्छाइयों को स्थान देना चाहिए। जीवन के हर पहलू में सकारात्मकता और सद्गुणों को अपनाकर ही हम सच्ची शांति प्राप्त कर सकते हैं।
अच्छाईयों का विस्तार और मानवता की राह
सुनीता जी ने कहा कि यदि जीवन में सुकून चाहिए तो हमें परमात्मा से जुड़ना होगा। उन्होंने प्रेरित करते हुए कहा, “हम इंसान बनकर इस संसार में आए हैं, तो दुनिया के लिए वरदान बनकर जीना चाहिए। परमात्मा हर जगह मौजूद है, इसलिए हमें हर तरफ अच्छाइयों को अपनाना चाहिए।”
उन्होंने आगे बताया कि इंसानियत का मार्ग हमेशा आध्यात्मिकता के रास्ते से होकर जाता है। यदि हमें सच्चा इंसान बनना है तो पहले आध्यात्मिकता को अपनाना होगा। जितना अधिक हम परमात्मा के साथ जुड़ेंगे, उतने ही अधिक मानवीय गुण हमारे जीवन में समाहित होंगे, और यही हमारे जीवन जीने का सच्चा मार्ग बनेगा।
नकारात्मकता से दूर रहकर आध्यात्मिक स्वतंत्रता अपनाने की प्रेरणा
सत्संग में बहन सुनीता जी ने कहा कि हर समय परमात्मा से जुड़े रहना आवश्यक है, ताकि हम अपनी गलतियों, बुराइयों और नकारात्मकता के गुलाम न बनें। उन्होंने बताया कि जिस तरह सांसारिक स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है, उसी तरह आध्यात्मिक स्वतंत्रता भी बेहद आवश्यक है। निराकार को पहचानकर ही जीते-जी आत्मा को मुक्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस शरीर का अंत निश्चित है, लेकिन आत्मा को यह पता होता है कि उसे एक दिन परमात्मा में ही विलीन होना है।
इस सत्संग में स्थानीय श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया और आध्यात्मिक शांति का अनुभव किया।