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कैबिनेट बैठकों में जिला चंबा की बारंबार अनदेखी का गुनहगार कौन: मनीष सरीन

Dalhousie Hulchul


डलहौज़ी हलचल (डलहौज़ी):  हिमाचल प्रदेश की कैबिनेट बैठक 24 जनवरी को धर्मशाला में आयोजित हुई, जिसमें प्रदेश के स्वास्थ्य और पर्यटन विकास से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इस बैठक में स्वास्थय प्रणाली के विकास के लिए एम्स और डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा के लिए 56 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही, कुल्लू रोपवे के लिए 80 करोड़ रुपये और धर्मशाला अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर के लिए 150 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई। इसके अलावा, अन्य कई विकास परियोजनाओं को भी सरकार ने मंजूरी दी।

कैबिनेट में चंबा की अनदेखी पर मनीष सरीन का सवाल

आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष सरीन ने इस बैठक में जिला चंबा की बारंबार अनदेखी पर गंभीर सवाल उठाए हैं। मनीष ने कहा कि जहां प्रदेश की अन्य जगहों को विकास योजनाओं में प्राथमिकता दी जा रही है, वहीं जिला चंबा को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है, जो कि अति दुर्भाग्यपूर्ण है।

पूर्व और वर्तमान सरकारों पर निशाना

मनीष सरीन ने आरोप लगाया कि पूर्व सरकारों और मौजूदा प्रदेश सरकार दोनों ही चंबा की अनदेखी करने में बराबरी से जिम्मेदार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह अनदेखी जिले के विकास के लिए न केवल अन्याय है, बल्कि चंबा की जनता के साथ भी सौतेला व्यवहार है। मनीष ने सवाल उठाया कि बार-बार हो रही चंबा की अनदेखी का असली गुनहगार कौन है?

चंबा की जनता से अपील

मनीष सरीन ने चंबा की जनता से अपील की कि वे भविष्य में अपने नेताओं का गहन विश्लेषण करें और उनसे इस अनदेखी को लेकर सवाल करें। उनका मानना है कि इस प्रकार से ही चंबा का भविष्य बेहतर हो सकता है और विकास के नए अवसर मिल सकते हैं।

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