डलहौज़ी हलचल (चंबा): हिमाचल प्रदेश के आकांक्षी ज़िला चंबा में 28,931 बच्चों को 1495 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पूरक पोषाहार उपलब्ध कराया जा रहा है। यह पहल बच्चों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, जिसका उद्देश्य स्वस्थ और सुपोषित बचपन के माध्यम से उनके भविष्य को सशक्त करना है।
बाल कुपोषण पर अंकुश के लिए सरकार की पहल
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा बाल कुपोषण पर रोक लगाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाने और बाल विकास सेवाओं के विस्तार हेतु कई अहम कदम उठाए गए हैं। ज़िला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास, राकेश कुमार ने बताया कि समेकित बाल विकास सेवाएं (ICDS) के तहत बच्चों और किशोरियों को विशेष पोषाहार उपलब्ध कराया जा रहा है।

आंगनबाड़ी केंद्रों की विस्तृत जानकारी
आकांक्षी ज़िला चंबा में कुल 1495 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिनमें 6 वर्ष तक के 28,931 बच्चों के साथ-साथ 7,538 गर्भवती और धात्री महिलाएं एवं 17,155 किशोरियां भी विशेष पोषण कार्यक्रम से लाभान्वित हो रही हैं। इन आंगनबाड़ी केंद्रों में राजमाह-चावल, दलिया, खिचड़ी, काले चने, सेवइयां, बाजरा और औट के बिस्कुट जैसी पौष्टिक खाद्य सामग्री वितरित की जा रही है।
सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना
बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए चंबा ज़िला में 100 आंगनबाड़ी केंद्रों को सक्षम केंद्रों के रूप में उन्नत किया गया है। इनमें से चंबा, सलूणी, मेहला, तीसा और भट्टीयात परियोजनाओं के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों का समावेश किया गया है। इन केंद्रों में स्वच्छ पेयजल के लिए RO वाटर प्यूरीफायर, पोषण वाटिका और वर्षा जल संग्रहण जैसी सुविधाओं को सुनिश्चित किया गया है।

आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को मिलने वाला पोषाहार
जिला चंबा के आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों को नियमित रूप से पूरक पोषाहार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके तहत विभिन्न परियोजनाओं के तहत आने वाले बच्चों की संख्या और उन्हें दी जाने वाली खाद्य सामग्री की सूची इस प्रकार है:
- चंबा परियोजना: 4,209 बच्चे
- सलूणी परियोजना: 5,279 बच्चे
- मेहला परियोजना: 4,852 बच्चे
- तीसा परियोजना: 6,533 बच्चे
- भट्टीयात परियोजना: 5,317 बच्चे
- भरमौर परियोजना: 1,960 बच्चे
- पांगी परियोजना: 779 बच्चे
इन बच्चों को राजमाह-चावल, नमकीन दलिया, मीठी सेवइयां, खिचड़ी और अन्य पौष्टिक खाद्य सामग्री प्रदान की जा रही है।
