डलहौज़ी हलचल (चंबा) : चंबा जिले में हाल ही में जिला स्तरीय समीक्षा समिति की त्रैमासिक बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने की। बैठक में वित्त वर्ष 2024-25 के अंतर्गत बैंकों द्वारा निर्धारित ऋण लक्ष्य और उनकी प्रगति पर विस्तृत चर्चा की गई।
ऋण लक्ष्य और प्रगति पर ध्यान केंद्रित
उपायुक्त ने बताया कि बैंकों ने इस वर्ष के लिए 1410.41 करोड़ रुपये का वार्षिक ऋण लक्ष्य निर्धारित किया था। 30 सितंबर 2024 तक जिले ने 851.31 करोड़ रुपये का लक्ष्य प्राप्त किया है, जो कि निर्धारित लक्ष्य का 60.37% है। यह प्रगति उत्साहजनक है, लेकिन उपायुक्त ने बैंकों के जमा-ऋण अनुपात को लेकर अपनी अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने विशेष रूप से भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और हिमाचल प्रदेश सहकारी बैंक से इस पर अधिक ध्यान देने की अपील की।
कृषि क्रेडिट कार्ड और सरकारी योजनाओं की दिशा में कदम
उपायुक्त ने सभी बैंकों को निर्देश दिए कि वे जिले के प्रत्येक किसान को कृषि क्रेडिट कार्ड से जोड़ें और साथ ही सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी आम जनता तक पहुंचाएं। उन्होंने चंबा को आकांक्षी जिले के रूप में चुने जाने के बाद बैंकों की जिम्मेदारी को और अधिक बढ़ाया है। उन्होंने अटल पेंशन योजना, आधार सीडिंग, किसान क्रेडिट कार्ड और शिक्षा ऋण के बारे में जागरूकता शिविर आयोजित करने की सलाह दी।
डिजिटल साक्षरता और धोखाधड़ी से बचाव के उपाय
इसके अतिरिक्त, उपायुक्त ने जिला के बैंकों को निर्देश दिए कि वे अग्रणी बैंक के नेतृत्व में सोशल मीडिया के माध्यम से डिजिटल साक्षरता बढ़ाने के लिए विशेष जागरूकता कैंप लगाएं। साथ ही, बढ़ती डिजिटल धोखाधड़ी से बचने के उपायों पर भी ध्यान दें।
सरकारी योजनाओं का शीघ्र निपटारा करने का निर्देश
बैठक में प्रमुख सरकारी योजनाओं के तहत ऋण प्रस्तावों जैसे कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना, ग्रामीण आजीविका मिशन, शहरी आजीविका मिशन, पीएम स्वनिधि और राजीव गांधी स्वराज योजनाओं को शीघ्र निपटाने के लिए भी बैंक अधिकारियों को निर्देश दिए गए।
बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक शिमला से अनुराग भाटू, एलडीओ और अग्रणी जिला प्रबंधक चंबा डीसी चौहान सहित विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।