डलहौज़ी हलचल (ऊना): जिला सैनिक कल्याण अधिकारी लैफ्टिनेंट कर्नल एसके कालिया ने जानकारी देते हुए बताया कि 7 दिसंबर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाएगा। यह दिन उन वीर शहीदों और सैनिकों की याद में समर्पित है जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर किए या युद्ध में घायल होकर अपंग हो गए।
उन्होंने कहा कि सशस्त्र सेना झंडा दिवस बहादुर सैनिकों के अद्वितीय शौर्य, बलिदान, और पराक्रम को स्मरणीय बनाता है। इस दिन का उद्देश्य शहीदों के परिवारों और अशक्त सैनिकों के पुनर्वास में सहायता करना है ताकि वे समाज में आत्मसम्मान के साथ अपना जीवन व्यतीत कर सकें।
झंडा दिवस का महत्व
लै. कर्नल एसके कालिया ने कहा, “यह दिन हमारे सैनिकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर है, जिनकी बदौलत हमारा देश सुरक्षित है।” उन्होंने बताया कि केंद्रीय और राज्य सैनिक बोर्ड इन शहीदों के परिवारों और अपंग सैनिकों के पुनर्वास के लिए निरंतर कार्यरत हैं।
सहयोग की अपील
उन्होंने बताया कि झंडा दिवस पर जो धनराशि एकत्रित की जाती है, उसे शहीद सैनिकों के परिवारों और आश्रितों के कल्याण के लिए उपयोग किया जाता है। उन्होंने जिला वासियों से आग्रह किया कि वे इस पावन दिवस पर उदारतापूर्वक योगदान देकर शहीदों के परिवारों और सैनिकों के पुनर्वास में सहयोग दें।
लैफ्टिनेंट कर्नल कालिया ने कहा, “शहीदों और सैनिकों के परिवारों की देखभाल और उनके पुनर्वास का दायित्व हम सभी पर है। उनके त्याग और बलिदान को याद रखना और उनकी सहायता करना हर नागरिक का कर्तव्य है।”
सशस्त्र सेना झंडा दिवस न केवल शहीद सैनिकों की स्मृति को जीवित रखता है, बल्कि उनके परिवारों और आश्रितों के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी रेखांकित करता है। आइए, इस अवसर पर योगदान देकर इन वीरों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करें।