डलहौज़ी हलचल (चंबा) भूषण गुरंग : हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के चुवाड़ी में साइबर ठगी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें ठगों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) का इस्तेमाल कर एक महिला को ठगने की कोशिश की। इस घटना में महिला के पति की हू-ब-हू आवाज का इस्तेमाल कर उसे 1.5 लाख रुपए जमा करने के लिए डराया गया।
क्या है मामला?
महिला के पति कार की सर्विसिंग के लिए लाहडू गए थे। थोड़ी देर बाद महिला को एक कॉल आया, जिसमें उसे बताया गया कि उसके पति ने कार चलाते वक्त एक बच्चे को कुचल दिया है। फोन करने वाले ने दावा किया कि उसका पति थाने में है और लोगों ने थाना घेर रखा है। महिला को धमकी दी गई कि अगर वह 1.5 लाख रुपए बताए गए खाते में नहीं जमा करेगी, तो उसके पति पर केस दर्ज कर दिया जाएगा। ठगों ने महिला को और डराने के लिए पति की हू-ब-हू आवाज में बात कराई, जिसमें उसने कहा कि केस से बचने के लिए तुरंत पैसे जमा करवा दें।
बैंक प्रबंधक की सतर्कता ने ठगी से बचाई महिला
महिला बदहवास होकर पैसे निकालने और जमा करवाने बैंक पहुंची। निजी बैंक प्रबंधक ने महिला की घबराहट देखकर स्थिति को समझने की कोशिश की। प्रबंधक ने महिला से शांत होकर मामले की पुष्टि करने के लिए पति से संपर्क करने को कहा। जब महिला ने पति को फोन किया, तो उसने बताया कि वह एजेंसी में कार की सर्विस करवा रहा है और ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। बैंक प्रबंधक की समझदारी और सतर्कता से महिला डेढ़ लाख की ठगी से बच गई। ठगों का मंसूबा नाकाम हो गया।
साइबर क्राइम के बढ़ते मामले
हिमाचल प्रदेश में साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ठगों के नए-नए तरीके और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे आधुनिक तकनीकों का उपयोग आम लोगों को भ्रमित करने के लिए किया जा रहा है। शिमला साइबर सेल लगातार लोगों को जागरूक कर रहा है, लेकिन जल्दबाजी और डर के कारण कई लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं।
लोगों के लिए चेतावनी और सुझाव
- फोन कॉल पर तुरंत विश्वास न करें और खुद मामले की पुष्टि करें।
- किसी भी संदिग्ध कॉल पर निजी जानकारी या बैंक डिटेल्स साझा न करें।
- बैंक प्रबंधक या साइबर सेल से तुरंत संपर्क करें।
- किसी भी धमकी या डराने वाले कॉल का शिकार न बनें, हमेशा मामले की वास्तविकता जांचें।
- साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज करें।
इस घटना ने दिखाया कि सतर्कता और जागरूकता साइबर ठगी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है। ठगों की तकनीकों से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहना होगा और कभी भी डर या दबाव में आकर निर्णय नहीं लेना चाहिए।