डलहौज़ी हलचल (शिमला) : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने नशे की समस्या से निपटने के लिए ‘संकल्प’ पहल का शुभारंभ किया है। यह पहल राज्य में नशे की तस्करी पर कड़ी कार्रवाई और नशे के आदी लोगों के पुनर्वास के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस महत्वपूर्ण घोषणा का अवसर दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा आयोजित भजन संध्या ‘भज गोविंदम’ के दौरान आया।
नशा निवारण और पुनर्वास केंद्र की स्थापना
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बताया कि प्रदेश सरकार ने नशे की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं और कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। राज्य सरकार का संकल्प है कि नशे की लत में फंसे युवाओं और उनके परिवारों को मदद मिले और वे फिर से समाज की मुख्यधारा में लौट सकें। इसी दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए सिरमौर जिले के पच्छाद उपमंडल में एक राज्य स्तरीय नशा निवारण एवं पुनर्वास केंद्र स्थापित किया जाएगा, जो मादक पदार्थों की लत से जूझ रहे लोगों को मदद देगा।
दिव्यांगजनों और विधवाओं के लिए विशेष योजनाएं
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सोलन के कंडाघाट में दिव्यांगजनों के लिए एक उत्कृष्ट केंद्र स्थापित किया जा रहा है, जहाँ 9,000 दिव्यांगों को उच्च शिक्षा मिलेगी। साथ ही, राज्य की विधवा और एकल नारियों के 23,000 बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त, प्रदेश के वृद्धजनों के कल्याण के लिए एक नई योजना पर विचार हो रहा है।
आध्यात्मिक जागृति और समाज सुधार
मुख्यमंत्री ने कहा कि आध्यात्मिक कार्यक्रमों का उद्देश्य आत्म जागरूकता को बढ़ावा देना और समाज के प्रति जिम्मेदारी का एहसास कराना है। उन्होंने दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि दिव्य गुरु आशुतोष महाराज जी के मार्गदर्शन में संस्थान भारत और विदेशों में सामाजिक सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने की दिशा में पहल
मुख्यमंत्री सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश को 31 मार्च 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में स्थापित करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। इस दिशा में सोलन के नालागढ़ में एक मेगावाट का ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र स्थापित किया जा रहा है, जो अगले साल जुलाई तक तैयार होगा। इसके साथ ही, कालका-शिमला रेल सेवा को ग्रीन हाइड्रोजन से संचालित करने के लिए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से अनुरोध किया गया है।
हिमाचल की सांस्कृतिक धरोहर और सतत विकास
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने पर जोर दिया और कहा कि प्रदेश सरकार सतत विकास के लिए काम कर रही है। उन्होंने समाज में फैली बुराइयों को खत्म करने और समाज की सुदृढ़ नींव स्थापित करने के लिए संतों और समाज सुधारकों के योगदान की सराहना की।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, विधायक हरीश जनारथा, और मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।