डलहौज़ी हलचल (चंबा): जिला चंबा को पिछड़ेपन से निकालने और क्षेत्र की अपार पर्यटन संभावनाओं को उभारने के लिए यहां की सड़क सुविधाओं को बेहतर बनाने की मांग तेजी से उठ रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पठानकोट-चंबा राष्ट्रीय राजमार्ग और द्रम्मण-जोत-चंबा राज्य मार्ग को अपग्रेड किया जाना चाहिए ताकि पर्यटन और क्षेत्रीय विकास में तेजी लाई जा सके।
हालांकि, लाहडू तक डबल लेन का कार्य युद्धस्तर पर जारी है और इस मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा दिलाने की प्रक्रिया भी केंद्र सरकार के पास विचाराधीन है। साथ ही, जिला के लिए प्रस्तावित सुरंग के निर्माण की मांग को लेकर स्थानीय लोगों और संस्थाओं द्वारा आवाज उठाई जा रही है। इस सुरंग से चंबा की कनेक्टिविटी में सुधार होगा और यह सैलानियों को आकर्षित करने में सहायक साबित हो सकता है।
पर्यटन की अपार संभावनाएं, पर कनेक्टिविटी एक बाधा
चंबा जिला में पर्यटन स्थलों की भरमार है, लेकिन उचित कनेक्टिविटी की कमी के चलते खज्जियार से आगे के क्षेत्रों तक पर्यटकों को ले जाना मुश्किल हो जाता है। पठानकोट-चंबा मार्ग पंजाब और अन्य राज्यों से आने वाले पर्यटकों के लिए प्रमुख मार्ग है, जबकि सिहुंता-जोत मार्ग हिमाचल के अन्य क्षेत्रों से आने वालों के लिए एक विकल्प है। दोनों मार्गों का विकास करना आवश्यक है ताकि पर्यटकों के आवागमन में कोई रुकावट न हो।
स्थानीय लोगों ने सांसद से की सुधार की अपील
जिला चंबा के नागरिकों, जिनमें प्रवीण पुरी, अमित शर्मा, नवीन ठाकुर, अजय शर्मा, दिलावर खान, मृदुल शर्मा, बानू सिंह, और अजीत चंबियाल शामिल हैं, ने वर्तमान राज्यसभा सांसद से अनुरोध किया है कि वे क्षेत्र के इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाएं। इन लोगों का मानना है कि सड़क उन्नयन और प्रस्तावित सुरंग के निर्माण से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि चंबा के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी सहायता मिलेगी।
चंबा के लोग आशा कर रहे हैं कि उनके क्षेत्र की कनेक्टिविटी बेहतर हो, ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिले और जिले का विकास हो सके।