डलहौज़ी हलचल (शिमला): आगामी दीपावली त्योहार के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) अजित भारद्वाज ने आतिशबाजियों की बिक्री और भंडारण के संबंध में सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने जानकारी दी कि इस बार गुप्त रूप से आयातित, अनधिकृत निर्माण और अवैध रूप से बेची जा रही आतिशबाजियों पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। यह कदम पिछले वर्षों में अवैध पटाखों के निर्माण और आयात के दौरान हुई दुर्घटनाओं के मद्देनज़र उठाया गया है, जिसमें कई लोग घायल हुए या अपनी जान गंवा चुके हैं।
अनधिकृत निर्माण और अवैध आयात पर प्रतिबंध
अजित भारद्वाज ने कहा कि कई बार अवैध रूप से आयात किए गए पटाखों में खतरनाक रासायनिक पदार्थ होते हैं, जिनकी भारतीय कानून के तहत अनुमति नहीं होती। इस प्रकार की आतिशबाजी से होने वाली दुर्घटनाओं से बचने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल लाइसेंस प्राप्त दुकानों से ही आतिशबाजी खरीदी और बेची जानी चाहिए, और फॉर्म एलई-3 और एलई-5 के तहत लाइसेंस की शर्तों का पालन करना अनिवार्य है।
क्लोरेट युक्त आतिशबाजी पर प्रतिबंध
रंगीन/स्टार माचिस और रोल/डॉट कैप्स को छोड़कर क्लोरेट युक्त आतिशबाजी के सामान का भंडारण पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसके अलावा, लिथियम, एंटिमनी, पारा, आर्सेनिक, सीसा और स्ट्रोंटियम क्रोमेट के यौगिकों से बने पटाखों को भी भंडारण में नहीं रखा जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को आतिशबाजी बेचना पूरी तरह से निषिद्ध रहेगा।
आतिशबाजी दुकानों के लिए सख्त सुरक्षा उपाय
लाइसेंस प्राप्त आतिशबाजी विक्रेताओं को निर्देश दिया गया है कि उनकी दुकानों में आपातकालीन निकास द्वार हमेशा खुला रहना चाहिए, और आतिशबाजी का सामान दुकान के अंदर खुले में नहीं रखा जाना चाहिए। दुकानों में धूम्रपान या किसी भी प्रकार के खुली आग के स्रोत जैसे लालटेन, मोमबत्ती, आदि की अनुमति नहीं होगी। विक्रेताओं और श्रमिकों को आतिशबाजी की खतरनाक प्रकृति और उनके सुरक्षित संचालन के बारे में उचित प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही, अग्निशामक यंत्र और रेत की बाल्टियाँ हर दुकान में हमेशा उपलब्ध होनी चाहिए, और संबंधित व्यक्तियों को आग बुझाने वाले उपकरणों का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित होना अनिवार्य है।
आतिशबाजी के शेड के लिए विशेष निर्देश
अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने बताया कि दीपावली के दौरान आतिशबाजी का भंडारण केवल अज्वलनशील सामग्री से बने शेड में किया जाएगा, और शेड के बीच न्यूनतम 3 मीटर की दूरी होनी चाहिए। सुरक्षा की दृष्टि से इन शेडों का निर्माण 50 मीटर की दूरी पर किया जाएगा। शेड के अंदर किसी प्रकार की ज्वलनशील सामग्री का उपयोग नहीं होगा, और प्रत्येक दुकान के विद्युत स्विच को एक मुख्य स्विच से जोड़ा जाएगा ताकि आपात स्थिति में आग को नियंत्रित किया जा सके। आतिशबाजी के शेड के 50 मीटर के दायरे में किसी प्रकार का प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं होगी, और किसी स्थान पर 50 से अधिक दुकानों की स्थापना भी नहीं की जाएगी।
विस्फोटक नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई
उन्होंने कहा कि यह दिशा-निर्देश सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जारी किए गए हैं ताकि दीपावली के दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। इन निर्देशों का उल्लंघन करने वालों पर विस्फोटक नियम, 2008 के नियम 127 और 128 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।