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हिमाचल बनेगा हरित ऊर्जा राज्य: छः सूत्रीय एजेंडा से होगी हरित क्रांति – मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू

Dalhousie Hulchul
हिमाचल प्रदेश |
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डलहौज़ी हलचल (शिमला) – मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश को 31 मार्च 2026 तक “हरित ऊर्जा राज्य” बनाने की योजना के तहत अपनी छः सूत्रीय रणनीति का खुलासा किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्रीय रेल मंत्रालय से यूनेस्को विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल लाइन को ग्रीन हाइड्रोजन से संचालित करने की संभावना का अध्ययन करने का आग्रह किया है। इसके साथ ही उन्होंने ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने की कई नई पहलों की जानकारी दी।

ग्रीन एनर्जी राज्य बनाने की छः सूत्रीय रणनीति

राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई यह छः सूत्रीय रणनीति प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य में बदलने के लिए एक ठोस आधार प्रदान करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य सतत् और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग से पर्यावरण को संरक्षित करना और राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाना है।

  1. थर्मल पावर की जगह नवीकरणीय ऊर्जा: हिमाचल प्रदेश सरकार ने वर्तमान 1,500 मिलियन यूनिट थर्मल पावर की खपत को हाइड्रो, सौर, और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों से बदलने का लक्ष्य रखा है।
  2. सौर ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि: अगले चार से पांच वर्षों में राज्य में 2,000 मेगावाट की सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। यह पहल प्रदेश सरकार की स्वच्छ ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
  3. ग्रीन पंचायत योजना: इस योजना के तहत पंचायत स्तर पर 500 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाए जा रहे हैं। इससे पंचायतें पर्यावरण अनुकूल विकास परियोजनाओं के लिए आय उत्पन्न कर सकेंगी।
  4. ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन: ऑयल इंडिया लिमिटेड के सहयोग से राज्य में ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन की दिशा में कार्य चल रहा है, और इसे बढ़ाने के लिए निजी निवेशकों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
  5. इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा: हिमाचल पथ परिवहन निगम के 3,200 बसों के बेड़े में से 1,500 बसों को इलेक्ट्रिक बसों से बदलने की योजना है। इसके अलावा, राज्य के विभिन्न विभागों में डीजल और पेट्रोल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जा रहा है।
  6. पर्यावरण-अनुकूल उद्योगों का विकास: नए और मौजूदा उद्योगों के विस्तार के लिए सख्त मानक संचालन प्रणाली लागू की जा रही है, ताकि पर्यावरण संरक्षण के मानकों का पालन हो सके।

कालका-शिमला रेल लाइन को ग्रीन हाइड्रोजन से संचालित करने का प्रस्ताव

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर यूनेस्को विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल लाइन को ग्रीन हाइड्रोजन से संचालित करने की संभावनाओं पर विचार करने का आग्रह किया है। यह प्रयास न केवल ऐतिहासिक रेल लाइन के संरक्षण में सहायक होगा बल्कि इसे हरित ऊर्जा संचालित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगा।

राज्य में “ग्रीन कॉरिडोर” और ई-वाहन क्रांति

सरकार ने छह प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों को ई-वाहनों के लिए ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विकसित किया है। राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के तहत बेरोजगार युवाओं को इलेक्ट्रिक टैक्सी और बसें खरीदने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान भी दिया जा रहा है, जिससे राज्य में पर्यावरण-अनुकूल परिवहन को बढ़ावा मिल रहा है।

पर्यावरण-अनुकूल हिमाचल की ओर कदम

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण के अनुकूल उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उद्योगों की स्थापना या विस्तार के लिए सख्त मानकों का पालन किया जा रहा है ताकि हिमाचल का प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यावरण संरक्षित रह सके।

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