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HP Rajiv Gandhi Swarojgar Yojana 2023 ||  680 करोड़ रुपये की ये योजना युवाओं को प्रदान करेगी आजीविका के साधन

Dalhousie Hulchul
HP Rajiv Gandhi Swarojgar Yojana 2023
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डलहौज़ी हलचल (शिमला) : प्रदेश में स्वरोजगार उन्मुख अवसरों को बढ़ावा देने और उद्यमिता को प्रोत्साहित कर स्थानीय युवाओं को आजीविका प्रदान करने के उद्देश्य से, राज्य सरकार ने 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार योजना-2023  (HP Rajiv Gandhi Swarojgar Yojana 2023) शुरू की है।

योजना के पहले चरण में, किसी भी सरकारी विभाग, स्थानीय प्राधिकरण, स्वायत्त निकाय, बोर्ड, निगम, सरकारी उपक्रम या किसी अन्य प्रतिष्ठान द्वारा ई-टैक्सी किराए पर लेने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया अधिसूचित कर दी गई है। प्रदेश सरकार इसमें ई-टैक्सी की खरीद पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान करके राज्य के युवाओं को रोजगार और स्टार्ट-अप सहायता की गारंटी देगी। सब्सिडी की गणना सभी प्रकार के करों सहित एक्स-शो रूम कीमत पर की जाएगी।

HP Rajiv Gandhi Swarojgar Yojana 2023 || आवेदक होना चाहिए हिमाचल का स्थायी निवासी

योजना का लाभ उठाने के लिए न्यूनतम आयु 23 वर्ष, वाहन चलाने का 7 वर्ष का अनुभव और बारहवीं कक्षा तक शैक्षणिक योग्यता की पात्रता सहित आवेदक हिमाचल का स्थायी निवासी होना चाहिए। आवेदक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, बेरोजगारी प्रमाण पत्र और अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग या ईडब्ल्यूएस में से कोई एक प्रमाण पत्र होना चाहिए। एक परिवार से केवल एक ही व्यक्ति इस योजना का लाभ उठा सकता है। जरूरतमंदों की मदद के लिए विशेष मामलों में अनुभव मानदंड में छूट का भी प्रावधान रखा गया है। आवेदक को परिवहन विभाग के पोर्टल पर एक खाता बनाना होगा जिसे आधार अथवा मोबाइल ओटीपी के माध्यम से प्रमाणित किया जाएगा।

HP Rajiv Gandhi Swarojgar Yojana 2023
HP Rajiv Gandhi Swarojgar Yojana 2023

HP Rajiv Gandhi Swarojgar Yojana 2023 || क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) स्तर पर होगी आवेदनों की छंटनी और जांच

आवेदनों की छंटनी और जांच क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) स्तर पर की जाएगी। इसके लिए ड्राइविंग टेस्ट निर्धारित किया गया है, जो संबंधित आरटीओ की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा लिया जाएगा। ड्राइविंग कौशल के अलावा, आवेदक को मोटर कार तंत्र, चालक के कर्तव्यों, ईंधन व ऊर्जा दक्षता, वाहनों के बुनियादी रखरखाव और सर्विसिंग सहित यातायात नियमों इत्यादि का ज्ञान होना चाहिए।

आवेदनों की जांच के बाद परिवहन विभाग योग्य ई-टैक्सी आवेदकों की सूची (रिजर्व पूल) तैयार करेगा, जो 2 साल के लिए वैध रहेगी। इसके उपरान्त, पात्र लाभार्थी की सिफारिशें आवश्यकता के आधार पर उद्योग या नामित विभाग को सब्सिडी की मंजूरी के लिए पारदर्शी तरीके से प्रेषित की जाएंगी।

किसी भी सरकारी विभाग या सरकारी व अर्द्ध-सरकारी संस्थान द्वारा नए वाहन या वाहन को बदलने की आवश्यकता अनुसार ई-टैक्सी 4 साल की शुरुआती अवधि के लिए किराए पर ली जा सकेंगी। यह अवधि 2 साल तक बढ़ाई जा सकेगी। संबंधित विभाग या संस्थान विशेष रूप से बनाए गए ऑनलाइन पोर्टल पर परिवहन विभाग को मांग प्रस्तुत करेंगे।

श्रेणी-ए के लिए सिडान कार, श्रेणी-बी के लिए एसयूवी मिड रेंज, श्रेणी-सी के लिए लंबी दूरी की एसयूवी, श्रेणी-डी के लिए प्रीमियम एसयूवी या एमयूवी और श्रेणी-ई के लिए लग्जरी वाहन ई-टैक्सी के रूप में किराए पर लिया जा सकता है। इन वाहनों के लिए ऑटोमोटिव रिसर्च एसोशिएसन ऑफ इण्डिया/इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (एआरएआई/आईसीएटी) की न्यूनतम रेंज क्रमशः 250 किलोमीटर, 300 किलोमीटर, 400 किलोमीटर, 450 किलोमीटर और 450 किलोमीटर होनी चाहिए।

मासिक आधार पर वाहन के लिए तय दूरी लगभग 2500 किलोमीटर निर्धारित की गई है, जो आवश्यकतानुसार कम या ज्यादा भी हो सकती है। हालांकि, एक वर्ष में 30,000 किलोमीटर चलने के बाद संबंधित विभाग द्वारा ई-टैक्सी मालिक को 1.5 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से अतिरिक्त शुल्क का भुगतान किया जाएगा। ई-टैक्सी की किराए की दरें तय करने के लिए एक समिति गठित की जाएगी।

ई-टैक्सी की सेवाएं लेने वाले प्रत्येक विभाग या संस्थान को अपने वाहनों की चार्जिंग सुनिश्चित करने के लिए इलेक्ट्रिक चार्जर स्थापित करना होगा अथवा इसके लिए चार्जिंग स्टेशनों के साथ समझौता करना होगा।

परिवहन विभाग आवेदक और खरीदार को ई-वाहन के बारे में नवीनतम तकनीकों, इनके लाभ और अन्य जानकारी बारे जागरूक करने के लिए आरटीओ स्तर पर जागरूकता शिविर, कार्यशालाएं, ई-वाहन डेमो भी आयोजित करेगा।

HP Rajiv Gandhi Swarojgar Yojana 2023 || क्या कहते हैं मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी राजीव गांधी स्वरोजगार योजना (HP Rajiv Gandhi Swarojgar Yojana) युवाओं को स्टार्ट-अप के माध्यम से सुनिश्चित स्वरोजगार उपलब्ध करवाने के साथ ही वाहन प्रदूषण में अपेक्षाकृत कमी लाते हुए हिमाचल को हरित राज्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी।

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है।