International Mandi Shivratri Festival : डलहौज़ी हलचल (मंडी) : हिमाचल प्रदेश की छोटी काशी मंडी में अंतर्राष्ट्रीय महापर्व शिवरात्रि की तैयारियां जोरों से चल रही हैं और इस अवसर पर लगने वाले मेले की भी तैयारियां जोरों से चल रही हैं।
छोटी काशी मंडी में अभी भी शिवरात्रि की पुरानी परंपरा को निभाया जा रहा है । परम्परा के मुताबिक मंडी के राजा माधवराव से प्रदेशभर के देवी-देवता महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर मिलने आते हैं और 7 दिन तक महाशिवरात्रि का महोत्सव (International Mandi Shivratri Festival) चलता रहता है।
जानिये मंडी शिवरात्रि मेले का इतिहास
लोगों का मानना है कि 1788 में मंडी के राजा ईश्वरी सेन ने जब मंडी रियासत की बागडोर संभाली थी तब उनके शासन काल में कांगड़ा के महाराजा संसार चंद की कैद से आजाद हुए थे। स्थानीय लोग अपने देवताओं के साथ राजा से मिलने मंडी पहुंचे थे। तब राजा की रिहाई और शिवरात्रि का एक साथ जश्न मनाया गया था। इसी तरह मंडी के शिवरात्रि महोत्सव की शुरुआत हुई। हालांकि इससे जुड़ी और भी कई कहानियां मशहूर हैं।
मंडी शिवरात्रि में आने वाले देवी-देवताओं की सुविधाओं में किया जाएगा इजाफा
मंडी शिवरात्रि मेले में आने वाले देवी-देवताओं और उनके साथ आने वाले देवलुओं की सुविधाओं बारे आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित बनाने के लिए एडीएम डॉ मदन कुमार की अध्यक्षता सर्व देवता कमेटी के सदस्यों और मेला आयोजन से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारी के साथ बैठक आयोजित हुई। एडीएम ने कहा कि मंडी का शिवरात्रि मेला देवताओं को समर्पित मेला है। मेले में आने वाले देवताओं और देवलुओं को दी जाने वाली सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाता है। उन्हें इस बार पहले से दी जाने वाली सुविधाओं में और इजाफा किया जाएगा।
मदन कुमार ने बताया कि मेले में स्थापित परंपराओं का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित होगा। सभी देवताओं को मेले में पधारने के लिए विधिवत निमंत्रण पत्र भेजे जा चुके हैं। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि सभी के सहयोग से मेला बड़ी धूमधाम से आयोजित होगा।
उन्होंने सर्व देवता कमेटी के सदस्यों से कहा कि मेले के दौरान अगर किसी भी प्रकार समस्या आती है तो इसे अधिकारियों के ध्यान में लाएं। उसका समय पर समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को देवताओं और देवलुओं के ठहरने की व्यवस्थायों को समय पर चुस्त दुरुस्त करने के निर्देश दिए। नगर निगम के अधिकारियों से कहा कि मेले के दौरान जहां पर भी देवता और देवलू ठहरते हैं वहां पर पर्याप्त मात्रा में सफाई कर्मी तैनात करें।
सर्व देवता कमेटी के आग्रह पर एडीएम ने कहा कि शिवरात्रि मेले (International Mandi Shivratri Festival) के दौरान निकलने वाली जलेब में वरीयता क्रम का पूरी तरह पालन होगा। इसके लिए मजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारी की तैनाती होगी।
बाबा भूतनाथ मंदिर के महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि छोटी काशी मंडी में महाशिवरात्रि (International Mandi Shivratri Festival) की तैयारियां एक महीने पहले शुरू हो जाती है । इन तैयारियों में, बाबा भूतनाथ मंदिर में तारा रात्रि से शिवरात्रि तक स्वयंभू शिवलिंग पर लगातार मक्खन से श्रृंगार किया जाता है। अब तक बाबा भूतनाथ का लगभग एक क्विंटल मक्खन से श्रृंगार किया गया है। श्रृंगार के नववें दिन, स्वयंभू शिवलिंग पर चित्रगुप्त महाराज का चित्रण हुआ। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में चित्रगुप्त महाराज का मंदिर है। बरिया घाट में गंगा तट के पास यह मंदिर है। महंत देवानंद सरस्वती ने कहा कि सभी काम तीनों लोकों में विभाजित है, लेकिन महाराज चित्रगुप्त ही सभी कर्मों का पूरा विवरण रखते हैं।
बता दें कि मंडी का शिवरात्रि महोत्सव आज अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर चुका है और इसे हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है।