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मां बगलामुखी रोपवे बना आकर्षण का केंद्र, पर्यटक ले रहे पंडोह जलाशय के ऊपर रोमांचकारी सफर का आनंद

Dalhousie Hulchul
मां बगलामुखी रोपवे

डलहौज़ी हलचल (मंडी) : हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में पंडोह डैम के पास बने मां बगलामुखी रोपवे ने पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए आकर्षण का नया केंद्र बना लिया है। 3 दिसंबर को मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा उद्घाटन के बाद यह रोपवे तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। बड़ी संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु यहां रोपवे की सवारी का आनंद लेने पहुंच रहे हैं, जिससे क्षेत्र में पर्यटन और रोजगार की संभावनाएं बढ़ी हैं।

रोपवे की विशेषताएं

यह 800 मीटर लंबा अत्याधुनिक रोपवे 53.89 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित है और इसे सीईएन (यूरोपीय) मानकों के अनुसार तैयार किया गया है। यह रोपवे चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे के पंडोह कैंची मोड़ को सीधे मां बगलामुखी मंदिर से जोड़ता है। इससे पहले श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने के लिए 14 किलोमीटर लंबी सर्पीली सड़कों पर सफर करना पड़ता था। अब यह दूरी मात्र 4 मिनट में पूरी हो जाती है।

मां बगलामुखी रोपवे
मां बगलामुखी रोपवे

सुविधा से लाभान्वित बुजुर्ग

रोपवे निर्माण ने उन बुजुर्गों के लिए मंदिर की यात्रा को आसान बना दिया है, जो पहले वहां नहीं जा पाते थे। 84 वर्षीय मंडी निवासी अश्वनी धवन ने बताया, “रोपवे बनने के बाद मैं पहली बार माता के दरबार में शीश नवाने पहुंचा हूं।”

पर्यटकों के लिए रोमांचकारी अनुभव

पंडोह जलाशय के ऊपर से गुजरने वाला यह रोपवे एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है। मंडी की निवासी मोनू और सपना ठाकुर ने इसे हेलिकॉप्टर की सवारी जैसा बताया। रोपवे से जलाशय और आसपास के प्राकृतिक दृश्यों का नजारा पर्यटकों के लिए बेहद रोमांचक और यादगार साबित हो रहा है।

मां बगलामुखी रोपवे
मां बगलामुखी रोपवे

किराए की जानकारी

रेजिडेंट मैनेजर कुश वैद्य ने बताया कि रोपवे का किराया एकतरफा यात्रा के लिए 150 रुपये और दोतरफा यात्रा के लिए 250 रुपये है। बच्चों के लिए यह किराया क्रमशः 75 और 125 रुपये है। स्थानीय निवासियों को रियायत दी गई है, जहां एकतरफा यात्रा के लिए 30 रुपये और बच्चों के लिए 15 रुपये शुल्क निर्धारित है।

राष्ट्रीय महत्व का रोपवे

यह देश का पहला रोपवे है जिसे नाबार्ड (आरआईडीएफ) द्वारा वित्त पोषित किया गया है। इसकी निर्माण अवधि केवल 32 महीने रही और यह 600 यात्रियों को प्रति घंटे ले जाने में सक्षम है।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

मां बगलामुखी मंदिर, बाखली और वन विभाग के नेचर पार्क के साथ यह रोपवे कुल्लू, मनाली, कसोल और लाहौल-स्पीति आने वाले पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण बन गया है। स्थानीय लोग और पर्यटक इसे सरकार की शानदार पहल मानते हुए अन्य धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर भी ऐसे रोपवे बनाने का सुझाव दे रहे हैं।
मां बगलामुखी रोपवे न केवल स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है बल्कि लोगों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव भी प्रदान कर रहा है।

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