डलहौज़ी हलचल (शिमला) : पावर इंजीनियर एसोसिएशन की कार्यकारी समिति की महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें अभियंताओं की रुकी हुई पदोन्नति और सरकार द्वारा गठित उप समिति की प्रथम बैठक के कार्यवृत्त पर विस्तार से चर्चा हुई। इस बैठक की अध्यक्षता लोकेश ठाकुर, पावर इंजीनियर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने की, जिसमें कई अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।
अभियंताओं की पदोन्नति में देरी पर गहरी चिंता
बैठक के दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेश ठाकुर ने उप समिति द्वारा प्रस्तुत की गई जानकारी और सोशल मीडिया पर प्रसारित मिनट्स ऑफ मीटिंग का हवाला देते हुए कहा कि प्रस्तुति देने वाले व्यक्ति पावर सेक्टर की कार्यप्रणाली से पूरी तरह से अनभिज्ञ प्रतीत हो रहे थे। सदस्यों ने महसूस किया कि सरकार को गलत दिशा में ले जाया जा रहा है और जरूरी फैसले लेने से पहले पावर इंजीनियर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को उप समिति के समक्ष अपनी बात रखने का अवसर मिलना चाहिए।
बैठक में अभियंताओं की 6 महीने से लंबित पदोन्नति पर भी गहरी चिंता व्यक्त की गई। बिजली बोर्ड में वर्तमान में 7 अधीक्षण अभियंता (Superintending Engineers) के पद खाली हैं, जिससे बोर्ड के कामकाज पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। ठाकुर ने बताया कि फील्ड टेक्निकल स्टाफ की कमी के साथ-साथ अभियंता स्तर पर कृत्रिम कमी पैदा करने से बोर्ड की कार्यक्षमता में आने वाले समय में बड़ा अंतर आ सकता है। पदोन्नति की देरी से अभियंताओं में हताशा बढ़ रही है।
सरकार की समझ और भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा
एसोसिएशन ने इस बात का स्वागत किया कि मौजूदा सरकार ने एक चीफ इंजीनियर और एक अधीक्षण अभियंता का पद सृजित किया है, जिससे यह स्पष्ट है कि सरकार को पावर सेक्टर में बढ़ती जिम्मेदारियों और चुनौतियों का अहसास है। बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि बिजली कोई साधारण वस्तु (commodity) नहीं है जिसे केवल खरीदना या बेचना होता है। बल्कि, आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicles), सोलर एनर्जी और नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) जैसे क्षेत्रों में पावर सेक्टर को कई नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जो बिजली उत्पादन और वितरण दोनों में बढ़ोतरी करेंगे।
मुख्यमंत्री से मिलने का निर्णय
बैठक के अंत में सभी सदस्यों ने मुख्यमंत्री के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की और निर्णय लिया कि उनके स्वस्थ होने के बाद पावर इंजीनियर एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि मंडल उनसे मिलकर उपरोक्त मुद्दों पर चर्चा करेगा और बिजली बोर्ड की चुनौतियों और अभियंताओं की पदोन्नति से जुड़े मसलों पर विस्तार से अवगत कराएगा।