skip to content
×

Sarkaar Ganv Ke Davar :  मुख्यमंत्री ने हमीरपुर जिला के गलोड़ से किया ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम का शुभारंभ

Published On:

Sarkaar Ganv Ke Davar :  डलहौज़ी हलचल (हमीरपुर) :  मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज हमीरपुर जिले के नादौन विधानसभा क्षेत्र के तहत गलोड़ से ‘सरकार गांव के द्वार’ (Sarkaar Ganv Ke Davar) कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के दौरान 87 शिकायतें प्राप्त हुईं। उन्होंने इन सभी शिकायतों को मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर अपलोड करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में यह ‘सरकार गांव के द्वार’ (Sarkaar Ganv Ke Davar) कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, ताकि लोगों की समस्याओं का निपटारा उनके घर-द्वार पर किया जा सके। इस दौरान राज्य सरकार की एक वर्ष की उपलब्धियों से भी लोगों को अवगत करवाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत राज्य सरकार के सभी मंत्री सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों की जानकारी आम जनता तक पहुंचाएंगे, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों तक जन कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।

Sarkaar Ganv Ke Davar

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही उनकी सोच गांव तक पहुंचने की रही है। हिमाचल के गांवों में 90 प्रतिशत आबादी बसती है तथा आने वाले बजट में गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गांव की आत्मनिर्भरता से ही आत्मनिर्भर हिमाचल की परिकल्पना साकार होगी। अगले 10 वर्षों में हिमाचल को देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार से कर्ज विरासत में मिला और आज उस कर्ज को चुकाने के लिए भी कर्ज लेना पड़ रहा है। इस बड़ी चुनौती के बीच राज्य सरकार ने कर्मचारियों से किए वायदे को निभाते हुए पहली ही कैबिनेट में पुरानी पेंशन बहाल की, ताकि उन्हें बुढ़ापे में किसी पर निर्भर न रहना पड़े। उन्होंने कहा कि एनपीएस के 9000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार से वापस करने का अनुरोध किया गया, लेकिन केंद्र ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। शायद केंद्र सरकार को पुरानी पेंशन बहाल करना पसंद नहीं आ रहा है।

Sarkaar Ganv Ke Davar

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आर्थिक चुनौतियों के बीच ही गत वर्ष हिमाचल को सबसे बड़ी त्रासदी का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि वह स्वयं प्रदेश के हर कोने में गए और लोगों के दर्द को जाना। आपदा के कारण प्रदेश में 13,000 घर आंशिक रूप से प्रभावित हुए, 3000 घर पूरी तरह से तबाह हो गए। सीमित संसाधनों के बावजूद राज्य सरकार ने उन्हें फिर से बसाने का बीड़ा उठाया है। प्रभावित परिवारों को ग्रामीण क्षेत्रों में 5000 रुपये प्रति माह तथा शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपये मकान किराए के साथ-साथ फ्री राशन और गैस सिलेंडर प्रदान किया है। प्रदेश सरकार ने कानून बदल कर गृह निर्माण के लिए मिलने वाले मुआवजे को डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया गया है।

Sarkaar Ganv Ke Davar
Sarkaar Ganv Ke Davar

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के बीच भाजपा नेता विधानसभा सत्र बुलाने की मांग करते रहे, लेकिन तीन दिन तक चर्चा के बाद भी हिमाचल के हितों के साथ खड़े नहीं हुए। विधानसभा में हिमाचल को भुज व केदारनाथ की तर्ज पर विशेष राहत पैकेज प्रदान करने के संकल्प का भाजपा विधायकों ने समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा ‘मैं भाजपा सांसदों से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर विशेष राहत पैकेज की मांग क्यों नहीं की। भाजपा हिमाचल विरोधी है। भाजपा आपदा प्रभावितों के साथ खड़ी नहीं हुई, एनपीएस का पैसा वापस दिलाने के लिए भाजपा नेता साथ नहीं दे रहे हैं और हिमाचल के हितों की लड़ाई में भी कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। बीबीएमबी से मिलने वाली 4300 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी को भी भाजपा नेता रुकवाने में लगे हैं।“

उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने जल विद्युत परियोजनाओं में राज्य के हितों की अनदेखी की और हमेशा के लिए प्रोजेक्ट दे दिए गए। इस मसले पर भी वह केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से मिले हैं। वर्तमान सरकार हिमाचल के हितों को किसी भी कीमत पर बेचने नहीं देगी। राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े बदलाव कर रही है जो जन सहयोग से ही पूरे  हो सकते हैं। योजनाओं के लिए बजट प्रावधान करने के बाद ही उन्हें लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों से दूध खरीद का रेट 32 रुपए प्रति लीटर से बढ़ाकर 38 रुपए कर दिया है तथा उन्हें आर्थिक रूप से संपन्न बनाने के लिए एक योजना लाने जा रही है।

Sarkaar Ganv Ke Davar
Sarkaar Ganv Ke Davar

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न सरकारी विभागों में 20 हजार पद भर रही है। इसके साथ-साथ स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए ई-टैक्सी तथा सौर ऊर्जा से जुड़ी परियोजनाएं शुरू की गई हैं। प्रदेश में 4000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया गया है। एकल नारी एवं विधवाओं को घर बनाने के लिए राज्य सरकार 1.50 लाख रुपए की सहायता प्रदान करेगी, जिसके लिए वार्षिक आय 3 लाख रुपये निर्धारित करने पर विचार किया जा रहा है। राज्य सरकार अगले बजट में विशेष बच्चों के लिए स्कूल एवं कॉलेज खोलने का भी प्रावधान करेगी।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रत्येक माह के अंतिम दो दिनों में लंबित राजस्व मामलों के निपटारे के लिए राजस्व लोक अदालत लगाई जा रही है। इसमें अब तक इंतकाल के 65000 से अधिक तथा तकसीम के साढ़े तीन हजार से अधिक लम्बित मामलों का निपटारा किया गया है। पहली बार राजस्व विभाग में किसी सरकार ने इस दिशा में गंभीरता से प्रयास किए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गलोड़ तहसील के अंतर्गत राजस्व अदालतों में इंतकाल के लंबित 273 मामलों में से 266 तथा तकसीम के लंबित 115 में से 60 मामलों का निपटारा किया गया है।

Sarkaar Ganv Ke Davar
Sarkaar Ganv Ke Davar

इससे पहले मुख्यमंत्री का बढ़ेड़ा हैलीपैड पर स्थानीय लोगों ने भव्य स्वागत किया। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वह नादौन की जनता के प्रतिनिधि के रूप में क्षेत्र के विकास तथा जनसमस्याओं के निराकरण के लिए सदैव प्रयत्नशील रहेंगे। साथ ही प्रदेश को विकास पथ पर अग्रसर करने के लिए भी निरंतर कार्य कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने नादौन विधानसभा क्षेत्र के तहत 3.43 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले कापड़ा पुल, 1.35 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फाहल तथा 1.10 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली फाहल-कोटलु पेयजल योजना की आधारशिला भी रखी।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 250 मेधावी विद्यार्थियों को टेबलेट भी प्रदान किए।

कार्यक्रम के दौरान ग्राम पंचायत बाड़ी फरनोल ने एक लाख और गोइस के पूर्व प्रधान बालक राम ने 50 हजार रुपये का चेक मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को आपदा राहत कोष में अंशदान के लिए भेंट किये।

गलोड़ मंडल कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन प्रेम चंद ने मुख्यमंत्री का गलोड़ क्षेत्र में पहुंचने पर उनका स्वागत एवं आभार व्यक्त किया। 

इस अवसर पर कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष तथा जिला कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, नादौन कांग्रेस मंडल अध्यक्ष कैप्टन पृथ्वी चंद, पूर्व विधायक मनजीत डोगरा, राज्य समन्वयक कौशल विकास निगम अतुल कड़ोहता, कांग्रेस नेता पवन ठाकुर, डॉ. पुष्पिंदर वर्मा तथा प्रेम कौशल, उपायुक्त हेमराज बैरवा, पुलिस अधीक्षक डॉ. आकृति शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।