Shardiya Navratri 2024: इस साल शारदीय नवरात्रि के अष्टमी और नवमी तिथि पर पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन कन्या पूजन का विशेष रूप से महत्त्व बताया गया है, और पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:20 बजे से शुरू हो रहा है।
अष्टमी और नवमी का विशेष संयोग
इस बार नवरात्रि का समापन अनूठे संयोग के साथ हो रहा है, क्योंकि अष्टमी और नवमी एक ही दिन, 11 अक्टूबर 2024 को पड़ रही हैं। यह विशेष योग कन्या पूजन और मां महागौरी व मां सिद्धिदात्री की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जा रहा है।
कन्या पूजन के शुभ मुहूर्त
कन्या पूजन के लिए 11 अक्टूबर को निम्नलिखित समय सबसे शुभ माना गया है:
- प्रातः शुभ मुहूर्त: सुबह 6:20 बजे से 7:47 बजे तक।
- उन्नति मुहूर्त: सुबह 7:47 बजे से 9:14 बजे तक।
- अमृत मुहूर्त: सुबह 9:14 बजे से 10:41 बजे तक।
सुबह 10:41 बजे तक पूजा करने का विशेष महत्त्व है, इसके बाद राहु काल शुरू हो जाएगा, जो कि 10:41 बजे से 12:08 बजे तक रहेगा। राहु काल में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है।
कन्या पूजन का महत्व
अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पूजा साधक को माता रानी की विशेष कृपा दिलाने वाली होती है। मान्यता है कि नवरात्रि की पूजा कन्या पूजन के बिना अधूरी मानी जाती है। इस दिन 9 कन्याओं को देवी के रूप में आमंत्रित कर उनके पैर धोए जाते हैं, उन्हें हलवा, चना और पूरी का भोग अर्पित किया जाता है, और फिर दान-दक्षिणा देकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।
कन्याओं के साथ एक बटुक (लड़के) को भी भोजन कराना शुभ माना जाता है, जो मां दुर्गा के दिव्य आशीर्वाद को प्राप्त करने का प्रतीक होता है। इस दिन पूजा करने से घर में सुख-शांति, समृद्धि और ऐश्वर्य का वास होता है।
अष्टमी और नवमी एक साथ पड़ने का महत्व
इस वर्ष अष्टमी और नवमी का एक साथ होना इसे और भी विशेष बनाता है। इस दिन मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से सभी कष्टों का निवारण होता है और जीवन में सिद्धियां प्राप्त होती हैं।
अतः, इस विशेष अवसर पर विधिपूर्वक कन्या पूजन कर मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करें और अपने जीवन में समृद्धि का आगमन सुनिश्चित करें।