डलहौजी हलचल (चंबा): आज जिला बाल संरक्षण इकाई, चंबा ने चाइल्ड हेल्पलाइन चंबा के सहयोग से झुग्गी-झोपड़ियों में रह रहे बच्चों की पहचान और उनके पुनर्वास के लिए एक विशेष अभियान की शुरुआत की। इस अभियान का उद्देश्य उन बच्चों तक पहुंचना है जो कठिन परिस्थितियों में रह रहे हैं, शिक्षा से वंचित हैं, या मजदूरी और अन्य शोषणकारी कार्यों में लगे हुए हैं।
बच्चों की पहचान और पुनर्वास के लिए विशेष अभियान
इस अभियान में बाल संरक्षण अधिकारी रिंकू शर्मा, चाइल्ड हेल्पलाइन से परियोजना समन्वयक कपिल शर्मा, और जिला बाल संरक्षण इकाई की आउटरीच कार्यकर्ता बबली देवी ने सक्रिय भागीदारी निभाई। उन्होंने झुग्गी-झोपड़ियों में जाकर वहां रहने वाले बच्चों से संबंधित आंकड़े इकट्ठे किए। उन्होंने इस बात की जांच की कि क्या कोई बच्चा बिना माता-पिता के रह रहा है, मजदूरी कर रहा है, या पढ़ाई छोड़ चुका है।
झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों से अपील
टीम ने झुग्गियों में रहने वाले लोगों से अनुरोध किया कि वे ऐसे बच्चों की जानकारी साझा करें ताकि इन बच्चों को सरकारी सहायता और पुनर्वास की प्रक्रिया में शामिल किया जा सके। इसका उद्देश्य बच्चों को शिक्षा और अन्य अधिकारों से जोड़ना और उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य की दिशा में प्रेरित करना है।
बाल विवाह, बाल मजदूरी, और बच्चों के अधिकारों पर जागरूकता
अभियान के दौरान बच्चों और उनके परिजनों को बाल विवाह, बाल मजदूरी, दत्तक ग्रहण, और बच्चों के अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 और गुड़िया हेल्पलाइन 1515 के उपयोग के बारे में भी जागरूक किया गया, जिससे कि वे किसी भी संकट की स्थिति में सहायता प्राप्त कर सकें।
नशे के कुप्रभाव और पोक्सो एक्ट की जानकारी
कार्यक्रम के अंतर्गत नशे के कुप्रभाव के बारे में भी जागरूकता फैलाई गई और बच्चों को नशे से दूर रहने की सलाह दी गई। इसके साथ ही, पोक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत गुड टच और बैड टच की विस्तृत जानकारी दी गई, ताकि बच्चे अपनी सुरक्षा के प्रति अधिक सतर्क रहें।