डलहौज़ी हलचल (मंडी) : केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री राम नाथ ठाकुर ने राज्यसभा में बताया कि हिमाचल प्रदेश में चार स्थानों पर स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं द्वारा ड्रोन तकनीक की मदद से खेतों में खाद का छिड़काव किया जा रहा है। यह जानकारी उन्होंने राज्यसभा सांसद सुश्री इंदु बाला गोस्वामी के एक प्रश्न के उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि देशभर के 22 राज्यों में कुल 1,094 स्वयं सहायता समूह की महिलाएं ‘नमो ड्रोन दीदी योजना’ के तहत ड्रोन तकनीक का उपयोग कर रही हैं।
मंत्री ठाकुर ने बताया कि महिलाओं को कृषि क्षेत्र में सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई ‘नमो ड्रोन दीदी योजना’ के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक 1,261 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है। इस योजना का उद्देश्य है—नवीन कृषि तकनीकों को बढ़ावा देना, खेती की लागत कम करना और किसानों की आमदनी बढ़ाना।
उन्होंने कहा कि अग्रणी उर्वरक कंपनियों ने वर्ष 2023-24 के दौरान कृषि कार्यों में उपयोग के लिए SHG की महिलाओं को कुल 1,094 ड्रोन वितरित किए हैं, जिनमें से 500 ड्रोन सीधे नमो ड्रोन दीदी योजना के अंतर्गत दिए गए।
ड्रोन वितरण की राज्यवार जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि:
- हिमाचल प्रदेश में 4 स्थानों पर,
- आंध्र प्रदेश में 106, असम में 28, बिहार में 32, छत्तीसगढ़ में 15, गोवा में 1, गुजरात में 58, हरियाणा में 102, जम्मू-कश्मीर में 2, झारखंड में 15,
- कर्नाटक में 147, केरल में 51, मध्य प्रदेश में 87, महाराष्ट्र में 60, ओडिशा में 16, पंजाब में 57, राजस्थान में 36, तमिलनाडु में 44,
- तेलंगाना में 81, उत्तर प्रदेश में 135, उत्तराखंड में 3 और पश्चिम बंगाल में 14 स्थानों पर ड्रोन तकनीक के माध्यम से खेतों में उर्वरक का छिड़काव किया जा रहा है।
मंत्री ने यह भी बताया कि योजना के तहत प्रदान किए गए 500 ड्रोनों पर किए गए अध्ययन से स्पष्ट हुआ है कि ड्रोन तकनीक के उपयोग से खेती की उपज, दक्षता और किसानों की आय में वृद्धि हुई है, साथ ही ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक स्थिति में भी सुधार दर्ज किया गया है।
