डलहौजी हलचल (डलहौजी): डलहौजी छावनी के बाल्मीकि मंदिर में महर्षि वाल्मीकि जी की प्रतिमा को विधिवत तरीके से स्थापित किया गया। मूर्ति स्थापना से पूर्व हवन और पूजा-अर्चना की गई, जिसमें नगरवासियों ने बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ भाग लिया। इस अवसर पर महर्षि वाल्मीकि मंदिर के प्रधान अध्यक्ष अरुण अटवाल ने बताया कि यह मंदिर करीब 90 वर्षों से नगरवासियों की आस्था का केंद्र बना हुआ है, और यहां नियमित रूप से पूजा-अर्चना होती रहती है।
जालंधर से लाई गई महर्षि वाल्मीकि की मूर्ति
इस बार महर्षि वाल्मीकि जी की नई मूर्ति जालंधर से मंगाई गई थी, जिसे आज विधि-विधान के साथ मंदिर में स्थापित किया गया। मंदिर के पुजारी द्वारा इस प्रक्रिया को विधिपूर्वक संपन्न किया गया। स्थानीय नागरिकों ने बड़ी संख्या में इस धार्मिक अवसर में भाग लेकर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
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डलहौजी हलचल (डलहौजी): डलहौजी छावनी के बाल्मीकि मंदिर में महर्षि वाल्मीकि जी की प्रतिमा को विधिवत तरीके से स्थापित किया गया। मूर्ति स्थापना से पूर्व हवन और पूजा-अर्चना की गई, जिसमें नगरवासियों ने बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ भाग लिया। इस अवसर पर महर्षि वाल्मीकि मंदिर के प्रधान अध्यक्ष अरुण अटवाल ने बताया कि यह मंदिर करीब 90 वर्षों से नगरवासियों की आस्था का केंद्र बना हुआ है, और यहां नियमित रूप से पूजा-अर्चना होती रहती है।जालंधर से लाई गई महर्षि वाल्मीकि की मूर्तिमहर्षि वाल्मीकि जयंती का भव्य आयोजन
महर्षि वाल्मीकि जयंती का भव्य आयोजन
प्रधान अरुण अटवाल ने बताया कि आगामी 15-16 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि जयंती का पर्व बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस मौके पर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और शोभायात्रा का आयोजन होगा। महर्षि वाल्मीकि जी की शोभायात्रा पूरे नगर में निकाली जाएगी और अंत में मंदिर परिसर में इसका समापन होगा। अरुण अटवाल ने सभी नगरवासियों से अपील की कि वे इस धार्मिक उत्सव में बड़ी संख्या में भाग लें और महर्षि वाल्मीकि जी के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करें।