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डलहौजी में स्ट्रीट लाइट विवाद गहराया, आरोप-प्रत्यारोप के बीच समाधान की तलाश

Dalhousie Hulchul

डलहौजी हलचल (डलहौज़ी) : नगर परिषद डलहौजी के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों की स्ट्रीट लाइट काटने का विवाद सुलझने के बजाय अब और उलझता जा रहा है। इस मुद्दे पर व्यापार मंडल और नगर परिषद के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। व्यापार मंडल अध्यक्ष राकेश चौभियाल ने नगर परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पार्षदों पर नाकामी के आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है।

नगर परिषद का पक्ष

व्यापार मंडल के आरोपों का जवाब देते हुए नगर परिषद उपाध्यक्ष संजीव पठानिया ने एक प्रेस वार्ता में अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड ने करीब छह करोड़ रुपये का बकाया निकाला है, जिसमें ज्यादातर राशि सरचार्ज और ब्याज की है, न कि मूल बिजली बिलों की। पठानिया ने बताया कि नगर परिषद 2021 में गठित हुई थी, तब पहले से 3.34 करोड़ रुपये का बकाया था।

उन्होंने कहा, “हमारी परिषद ने 2022 से लेकर अब तक हर महीने स्ट्रीट लाइट के लिए आने वाले मूल बिजली बिल को नियमित रूप से जमा किया है। राकेश चौभियाल के इस्तीफे की मांग पर मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या मेरे इस्तीफे से यह सरचार्ज और ब्याज माफ हो जाएगा और स्ट्रीट लाइट का कनेक्शन फिर से बहाल हो जाएगा? अगर ऐसा हो सकता है तो मैं आज ही इस्तीफा देने को तैयार हूं। मेरा लक्ष्य डलहौजी का विकास है, न कि पद का मोह।”

व्यापार मंडल को समाधान के लिए आमंत्रण

पठानिया ने कहा कि व्यापार मंडल को राजनीति से ऊपर उठकर इस समस्या का समाधान निकालने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने अपील की कि यह समय दलगत राजनीति करने का नहीं है, बल्कि डलहौजी के सभी नागरिकों को एकजुट होकर इस समस्या को स्थाई रूप से हल करवाने का है।

समस्या का स्थाई समाधान जल्द

पठानिया ने विश्वास जताया कि आने वाले कुछ दिनों में इस मसले का स्थाई समाधान निकाल लिया जाएगा और डलहौजी को बार-बार स्ट्रीट लाइट के कनेक्शन काटने की समस्या से छुटकारा मिलेगा। प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता डलहौजी का सर्वांगीण विकास है।

स्थायी हल की दरकार

डलहौजी की जनता और संबंधित पक्षों को अब इस विवाद का स्थाई समाधान मिलने की उम्मीद है। नगर परिषद और व्यापार मंडल के बीच संवाद और सहयोग से इस समस्या का हल निकलेगा या यह विवाद और बढ़ेगा, यह देखना बाकी है।

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