डलहौज़ी हलचल (चंबा): 28 अक्तूबर को प्रदेशभर में हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (HPSEB) के संयुक्त मोर्चा द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। इसी क्रम में डलहौजी में HPSEB संयुक्त फ्रंट के तत्वावधान में कर्मचारियों, अधिकारियों, और पेंशनर्स ने दोपहर के भोजन अवकाश के दौरान सरकार और बोर्ड प्रबंधन की नीतियों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ एकजुटता
प्रदर्शन में मौजूद लोगों ने कहा कि सरकार के नए फैसलों से बिजली बोर्ड का निजीकरण किया जा रहा है। 51 इंजीनियर पदों की समाप्ति और 81 आउटसोर्स ड्राइवरों की छंटनी के निर्णय से बोर्ड के ट्रांसमिशन, जनरेशन और ऑपरेशन विंग को निजी कंपनियों के हवाले करने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। हाल ही में जारी एक अधिसूचना के तहत बोर्ड के कई पद समाप्त किए जाने से बोर्ड के भविष्य पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं।
पुरानी पेंशन बहाली की मांग
वक्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर कर्मचारी जागरूक नहीं हुए, तो बिजली बोर्ड और रोजगार दोनों खतरे में पड़ सकते हैं। उन्होंने सभी बिजली कर्मचारियों और पेंशनर्स से सड़कों पर उतरने और विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया, ताकि सरकार उनके हितों को ध्यान में रखकर पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर सके।
कर्मचारी एकता का संदेश
एचपीएसईबी एम्पलाइज यूनियन डलहौजी यूनिट के महासचिव ओम प्रकाश ने कहा कि इन निर्णयों के खिलाफ कर्मचारियों की एकजुटता ही सरकार को पीछे हटने पर मजबूर कर सकती है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के संघर्ष और सामूहिक प्रयासों से ही पुरानी पेंशन योजना बहाल की जा सकेगी।