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डलहौजी पब्लिक स्कूल के होनहार छात्र युवराज सिंह की सफलता ,भारतीय नौसेना अकादमी में अंतिम प्रशिक्षण के लिए चयनित

Dalhousie Hulchul
डलहौजी पब्लिक स्कूल

डलहौजी हलचल (डलहौजी) : डलहौजी पब्लिक स्कूल के छात्र युवराज सिंह तोमर ने हाल ही में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए), खड़कवासला से स्नातक किया है। युवराज अब अपने अंतिम वर्ष के प्रशिक्षण के लिए भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला में शामिल होंगे। इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार बल्कि डलहौजी पब्लिक का भी  मान बढ़ाया है, वहीं  युवराज सिंह तोमर की ये उपलब्धि रक्षा क्षेत्र में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले युवा छात्रों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत भी है।

युवराज की प्रेरणादायक यात्रा

युवराज ने अपनी शिक्षा की शुरुआत डलहौजी पब्लिक स्कूल में कक्षा 1 से की। स्कूल के अनुशासन, शैक्षणिक उत्कृष्टता, और व्यक्तित्व विकास पर जोर देने वाले वातावरण ने उनके सपनों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

2016 में, स्कूल के स्थापना दिवस पर भारतीय नौसेना के तत्कालीन प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा की उपस्थिति ने युवराज को नौसेना में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद, युवराज ने न केवल शैक्षणिक बल्कि सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उन्होंने महाराजा रणजीत सिंह सशस्त्र बल प्रारंभिक संस्थान, मोहाली की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर अपनी लगन और मेहनत का प्रमाण दिया।

परिवार का योगदान और समर्थन

युवराज की सफलता के पीछे उनके परिवार का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनके पिता,जतिंदर सिंह तोमर,जो डलहौजी पब्लिक स्कूल डलहौजी  के प्रधानाचार्य हैं, ने अनुशासन और कड़ी मेहनत के मूल्यों को आत्मसात कराया। वहीं उनकी मां, अंजना, जो स्कूल की वरिष्ठ समन्वयक हैं, ने भावनात्मक समर्थन और निरंतर प्रोत्साहन प्रदान किया। युवराज ने अपनी मां के विश्वास और मार्गदर्शन को अपनी यात्रा में महत्वपूर्ण बताया।

डलहौजी पब्लिक स्कूल डलहौज़ी का योगदान

डलहौजी पब्लिक स्कूल का अनुशासन, देशभक्ति और नेतृत्व पर जोर युवराज के करियर निर्माण में सहायक रहा। स्कूल के अध्यक्ष और निदेशक, डॉ. (कैप्टन) पीएस ढिल्लों, ने भी युवराज को प्रेरित किया और कड़ी मेहनत के महत्व को समझाया। स्कूल में समय-समय पर रक्षा क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों की यात्राओं ने युवराज की आकांक्षाओं को और भी मजबूत किया। युवराज अब मार्कोस (मरीन कमांडो फोर्स) का हिस्सा बनना चाहते हैं। वह अपनी परिचालन उत्कृष्टता के माध्यम से देश की सुरक्षा में योगदान देना चाहते हैं।

डलहौजी पब्लिक स्कूल के निदेशक कैप्टन डॉ. ढिल्लों ने युवराज की उपलब्धि को डलहौजी पब्लिक स्कूल के मूल मूल्यों का प्रतिबिंब बताया। उन्होंने कहा, “युवराज की यात्रा हमारे छात्रों के लिए कड़ी मेहनत, नेतृत्व और सेवा की प्रेरणा है। हमें उनकी उपलब्धियों पर गर्व है।”

युवराज की कहानी: युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत

डलहौजी पब्लिक स्कूल से भारतीय नौसेना तक की यात्रा ने शिक्षा, परिवार के मूल्यों और दृढ़ निश्चय की शक्ति को प्रदर्शित किया है। युवराज की कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो बड़े सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत करते हैं।

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