डलहौज़ी हलचल (नई दिल्ली) : 1 दिसंबर 2024 से ऑनलाइन फिशिंग और स्पैम मैसेजिंग को रोकने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा बनाए गए मैसेज ट्रेसेबिलिटी रेगुलेशन लागू हो जाएंगे। इन नियमों का मकसद फर्जी कॉल और मैसेज के जरिए हो रहे धोखाधड़ी पर लगाम लगाना और उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
TRAI ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया है कि भेजे जाने वाले सभी संदेशों को सेंडर से रिसीवर तक पूरी तरह से ट्रैसेबल बनाया जाए। इस प्रक्रिया का उद्देश्य स्पैम और फिशिंग मैसेज के दुरुपयोग को रोकना है। हालांकि, इस नए नियम के चलते यूजर्स को OTP प्राप्त करने में देरी का सामना करना पड़ सकता है।
क्या है मैसेज ट्रेसेबिलिटी रेगुलेशन?
मैसेज ट्रेसेबिलिटी रेगुलेशन के तहत सभी टेलीकॉम कंपनियों को संदेशों के स्रोत और उनकी पूरी ट्रैकिंग की व्यवस्था करनी होगी। यह नियम व्यवसायिक संदेशों के लिए विशेष रूप से लागू होगा, जिसमें ओटीपी, प्रमोशनल मैसेज और अन्य संचार शामिल हैं।
डेडलाइन और कंपनियों की तैयारी
इस नियम की घोषणा अगस्त 2024 में की गई थी, और टेलीकॉम ऑपरेटरों को इसे लागू करने के लिए 31 अक्टूबर तक का समय दिया गया था। बाद में कंपनियों की मांग पर समय सीमा बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी गई। अब, 1 दिसंबर से इन प्रक्रियाओं को सख्ती से लागू किया जाएगा।
TRAI ने कंपनियों से कहा है कि वे ऐसे व्यवसायों को चेतावनी दें जो नए निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। 1 दिसंबर के बाद नॉन-कंप्लायंस बिजनेस से आने वाले मैसेज को ब्लॉक कर दिया जाएगा।
यूजर्स पर प्रभाव
नए नियम लागू होने के बाद, ओटीपी आधारित सेवाओं जैसे ऑनलाइन बैंकिंग, बुकिंग, और डिजिटल ट्रांजैक्शन में देरी हो सकती है। इसका कारण यह है कि नए सिस्टम के तहत सभी संदेशों की प्रामाणिकता और स्रोत की जांच की जाएगी, जिससे मैसेज डिलीवरी प्रक्रिया धीमी हो सकती है।
TRAI का उद्देश्य
TRAI का कहना है कि ये कदम फर्जी कॉल्स, फिशिंग और स्पैम मैसेज के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए आवश्यक है। यह सिस्टम उपभोक्ताओं की जानकारी को सुरक्षित रखने और धोखाधड़ी को रोकने में मदद करेगा।
नोट: TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों से नियमों को धीरे-धीरे लागू करने की बात कही है, ताकि उपभोक्ताओं को कम से कम असुविधा हो।
क्या करें उपभोक्ता?
- ऑनलाइन लेनदेन करते समय OTP के लिए अतिरिक्त समय का ध्यान रखें।
- अपनी ईमेल और मोबाइल में फर्जी मैसेज या कॉल्स से सतर्क रहें।
- किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
- टेलीकॉम कंपनियों की ओर से आने वाले अपडेट्स पर नजर रखें।
यह नया कदम उपभोक्ताओं की सुरक्षा बढ़ाने और ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।